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खुद को वकील बताने वाला जय कुमार उर्फ गोल्डन एक बड़ा अपराधी निकला। वकील की वेश में वह हत्यारा निकला। रेप कर दो मासूमों की जिंदगी बर्बाद करने वाला निकला। वकील कहलाने वाला यह वही जय कुमार है, जो महिला वकील संगीता सिन्हा की हत्या के मामले में पिछले 8 साल से फरार चल रहा था। जिसे पटना पुलिस पकड़ नहीं पाई थी, पर 15 फरवरी को कोतवाली थाना की टीम ने इसे कंकड़बाग के लोहिया नगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद उसे जेल भी भेज दिया। जल्द ही पुलिस इस केस में चार्जशीट भी दाखिल कर देगी। लेकिन, इस अपराधी का अतीत बहुत ही भयानक है। इसने अब तक कई परिवारों की खुशियां छीन ली है।
महिला सब इंस्पेक्टर को दी थी धमकी
रानी कुमारी सब इंस्पेक्टर हैं। कोतवाली थाना में पोस्टेड हैं। संगीता सिन्हा की हत्या का केस 312/12 की जिम्मेवारी पिछले साल दिसंबर में इन्हें मिली थी। इन से पहले इस केस को 4 पुलिस अफसर इंवेस्टिगेट कर चुके हैं, पर कोई भी वकील जय कुमार तक पहुंच नहीं पाया। हर कोई इसके रौब के आगे बौने पर गए थे। मगर, दाद देनी होगी महिला सब इंस्पेक्टर रानी कुमारी की। जिन्होंने न सिर्फ सालों पुराने एक महिला वकील की हत्या के केस की जांच की और फरार हत्यारे को भी गिरफ्तार किया। जब रानी कुमारी ने जय कुमार को पकड़ा तो वो उन्हें वर्दी उतरवाने की धमकी देने लगा। वह डीएसपी नहीं बनने देगा, इस बात की भी धमकी दी। उसने यहां तक धमकी दे डाली की पुलिस की नौकरी से हमेशा के लिए हटवा देगा। इसके बावजूद महिला सब इंस्पेक्टर उसकी धमकियों से डरी नहीं। इसे शातिर अपराधी को पकड़ने के लिए महिला सब इंस्पेक्टर ने सबसे पहले पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर अरूण कुमार सिंह को खोजा। संगीता सिन्हा का पोस्टमार्टम करने के बाद इन्होंने अपनी फाइन रिपोर्ट नहीं दी थी। अपना ओपिनियन रिर्जव रख लिया था। जिसे इन्होंने 8 साल बाद लिखा।
सबसे पहले अपने ही चचेरे भाई को मारी थी गोली
पटना में जय कुमार के 5 ठिकाने हैं। जहां वो बदल-बदल कर रहता है। लेकिन, यह मूल रूप से वो विक्रम थाना के तहत मसौढ़ी तेलपा गांव का रहने वाला है। साल 1992 में इसने पहली हत्या की थी, वो भी अपने ही चेचेरे भाई शैलेश कुमार की। मामला गांव की जमीन और सालिमपुर अहरा के घर का था। गांव पर रहने वाले सुनील कुमार पुरानी घटना को याद करते हुए बताते हैं कि जमीन जायदाद के चक्कर में जय कुमार ने उनके भाई को खुद से गोली मारी थी। इस कांड में उसका साथ उसके दो भाई अजय कुमार उर्फ मोल्डन और राजू ने भी दिया था। पिता कामेश्वर सिंह का भी साथ मिला था। उसके पिता का देहांत हो चुका है। विक्रम थाना के केस नंबर 296/92 में यह चार्जशीटेड है। करीब 3 साल जेल में रहा। कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद भी उसे बेल मिल गया और बाहर आ गया था।
रेप कांड में भी गया था जेल
साल 2011 में इसने सबसे पहले अपने ही गांव की एक लड़की का रेप किया। इस कांड में जय कुमार गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जब यह जेल में था तो उस दौरान पीड़ित लड़की की हत्या हो गई। हालांकि इस हत्या में इस वकील का नाम नहीं जुड़ा, पर शक उसी के ऊपर था। इसके बाद ही विक्रम थाना के परवियामां गांव की लड़की को इसने गायब कर दिया था। उसके साथ भी रेप किया था। इस मामले में जय के साथ उसका भाई अजय भी जेल गया था। दोनों भाइयों के पकड़े जाने के बाद गायब की गई लड़की को पुलिस ने सालिमपुर अहरा के घर से बरामद किया गया था।
पत्नी ने भी कर रखा है केस
जय कुमार की शादी दानापुर के शाहपुर इलाके में हुई थी। यह शख्स अपनी पत्नी को भी बहुत टॉर्चर करता था। इस कारण पत्नी ने सालों पहले इसके घर को छोड़ दिया। इसके बढ़ते आपराधिक छवि और लोगों से रुपए ठगने की आदत से वो परेशान हो चुकी थी। इस कारण दो बेटियों को लेकर वह अपने मायके चली गई। आज भी वह अपने मायके में ही रह रही है। पत्नी ने भी प्रताड़ना का केस जय कुमार के ऊपर कर रखा है। जो आज भी कोर्ट में है।
काम कराने के बाद कर दी थी हत्या
जय कुमार जालसाज और शातिर होने के साथ ही हत्या करने के मामले में एक पेशेवर अपराधी बन चुका था। पटना के सालिमपुर अहरा वाले घर पर इसने काम करने के लिए एक मजदूर को बुलाया था। कई दिनों तक उससे काम कराया। जब मजदूर ने अपना मेहनताना मांगा तो उसकी पीट-पीट कर लहुलूहान कर दिया था। जिसकी मौत इलाज के दौरान हो गई थी। पुलिस के अनुसार इस मामले में जय कुमार पर पहले IPC की धारा 307 के तहत गांधी मैदान थाना में एफआईआर दर्ज की गई थी, जो बाद में हत्या की धारा 302 में तब्दील हो गई। इस केस में भी वह फरार चल रहा था।
इसके बाद हुई महिला वकील की हत्या
सारी वारदातों के बाद इसने महिला वकील संगीता सिन्हा की हत्या कर दी थी। वैभव अपार्टमेंट के फ्लैट नंबर 35A में संगीता सिन्हा रहती थी। फ्लैट से उनकी लाखों रुपए की ज्वेलरी भी गायब कर दी गई थी। यह वारदात 18 जून 2012 की है। इसी दिन सुबह में 6 बजे के करीब जय कुमार फ्लैट से निकलने वाला आखिरी शख्स था। दोपहर में महिला वकील से मिलने पहुंची एक लड़की की वजह से यह मामला सामने आया था। 20 जनू 2012 को इस केस में एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद से जय कुमार लगातार 8 सालों से अधिक समय तक फरार रहा। जिसे अब कोतवाली थाना की एक महिला सब इंस्पेक्टर ने ढूंढ़ कर गिरफ्तार किया।
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