बिहार में पहले फेज की वोटिंग से छह दिन पहले भाजपा ने अपना घोषणापत्र जारी कर दिया। 12 पेज के मेनिफेस्टो का आखिरी पन्ना रोजगार के वादों के नाम था। नीतीश कुमार 10 लाख सरकारी नौकरियों का वादा कर चुके राजद नेता तेजस्वी पर तंज कसते रहे, लेकिन अब उनकी ही सहयोगी भाजपा ने ही दोबारा सत्ता में आने पर 19 लाख रोजगार देने की बात कही है। वहीं, 1 करोड़ महिलाओं को ‘स्वावलंबी’ बनाने का वादा किया है। यह भी कहा है कि बिहार के लोगों को कोरोना की फ्री वैक्सीन दी जाएगी। भास्कर ने भाजपा के इस मेनिफेस्टो की पड़ताल की...
19 लाख जुमला क्यों और 4 लाख नौकरियों की बात कैसे?
भाजपा ने घोषणापत्र में 19 लाख रोजगार की जो संभावना दिखाई है, उसमें से सीधे तौर पर नौकरियां सिर्फ चार लाख हैं। वह किस तरह है, यह भी बताते हैं।
तेजस्वी यादव ने नौकरियों देने का वादा किया है
तेजस्वी यादव ने यह वादा किया है कि जब उनकी सरकार बन जाएगी तो वह कैबिनेट की पहली बैठक में जिस फैसले पर साइन करेंगे, वह 10 लाख युवाओं को पक्की सरकारी नौकरी देने का होगा।
तेजस्वी के वादे पर नीतीश तंज कसते रहे
तेजस्वी के इस बयान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि बड़ी हास्यास्पद बात है... राजद 10 लाख नौकरी देगा। बीते सोमवार गया के शेरघाटी विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा के दौरान भी नीतीश ने कहा- "ऊ कहते हैं 10 लाख नौकरियां देंगे। अरे, पैसवा एतना कहां से आवेगा? ई सब संभव है क्या? बताइए कहीं ऐसा न हो नौकरियां देने के नाम पर अपने ही धंधा न शुरू कर दें। 15 साल में कितना नौकरी दे दिए, ये सब जानते हैं।’
कोरोना की फ्री वैक्सीन सिर्फ बिहार के लोगों को?
भाजपा ने घोषणापत्र में बिहार के लोगों को कोरोना की फ्री वैक्सीन देने का वादा किया है। इस पर राहुल गांधी ने तंज कसा है। उन्होंने कहा है कि कोरोना की फ्री वैक्सीन चाहिए तो पहले ये देख लें कि आपके राज्य में चुनाव कब हैं।
भाजपा का एक लक्ष्य, 5 सूत्र और 11 संकल्प
भाजपा ने ‘आत्मनिर्भर बिहार का रोडमैप’ में एक लक्ष्य, 5 सूत्र और 11 संकल्पों का जिक्र किया है। लालू-राबड़ी के 15 साल के बाद और नीतीश के 15 साल के बाद बिहार के 11 अलग-अलग सेक्टर में आए बदलाव की भी तुलना की गई है। घोषणापत्र जारी करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि लालू-राबड़ी के 15 साल के औद्योगिक उत्पादन का कोई डेटा नहीं मिला, इसलिए हमने इस घोषणापत्र में वो जगह खाली छोड़ दी। हमारे 15 साल के शासन में औद्योगिक विकास में 17% का इजाफा हुआ।
एक लक्ष्य: आत्मनिर्भर बिहार
5 सूत्र
1. स्वस्थ समाज, आत्मनिर्भर बिहार
2. शिक्षित बिहार, आत्मनिर्भर बिहार
3. गांव-शहर, सबका विकास
4. सशक्त कृषि, समृद्ध किसान
5. उद्योग आधार, सबल समाज
9876543210 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे।
15 साल बनाम 15 साल
भास्कर ने घोषणापत्र जारी होने से एक दिन पहले ही इसमें शामिल बिंदुओं की खबर छापी थी। घोषणापत्र में 15 साल बनाम 15 साल का जिक्र किया गया है। शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार में क्या किया गया, उसके बाद नीतीश सरकार ने क्या उपलब्धि हासिल की, यह दर्शाया गया है। तकनीकी शिक्षा में 15 साल के राजद शासन में क्या स्थिति थी और अब के शासन में क्या स्थिति है। भाजपा ने यह भी बताया कि लालू-राबड़ी के 15 साल में प्रति व्यक्ति आय 8 हजार रुपए थी, जो भाजपा-जदयू की गठबंधन सरकार में बढ़कर 43 हजार रु. से ज्यादा हो गई।
क्या कहते हैं घोषणा पत्र बनाने वाले नेता
भाजपा की घोषणा पत्र समिति के सह संयोजक ऋतुराज सिन्हा का कहना है कि ‘आत्मनिर्भर बिहार’ एक नारा नहीं बल्कि भविष्य के बिहार की परिकल्पना है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सामने जिस आत्मनिर्भर भारत की सोच रखी है, उसको साकार करने के लिए यह बेहद ज़रूरी है कि एक नयी ऊर्जा के साथ, उन बड़े राज्यों में पहल की जाए, जिनमें उस तरीके से विकास नहीं हो पाया, जिसका वह हकदार था। देश की 11 फ़ीसदी जनता बिहार वासी है। ऐसे में आत्मनिर्भर भारत अभियान का आग़ाज़ बिहार से होना स्वाभाविक भी है और न्यायसंगत भी। भाजपा का ‘आत्मनिर्भर बिहार - संकल्प पत्र’, प्रधानमंत्री मोदी के द्वारा बिहार को दी जा रही प्राथमिकता का सूचक है।
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