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मंत्री आलोक मेहता बोले- गीदड़भभकी से मैं डरने वाला नहीं:कहा- चोर को चोर कहिए तो तुरंत गुस्सा आएगा, धमकी देने वाले औकात में रहें

पटना2 महीने पहलेलेखक: प्रणय प्रियंवद
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बिहार सरकार के मंत्री आलोक मेहता अपने बयानों की वजह से चर्चा में हैं। उनको जान से मारने की धमकी भी मिली। फिर उन्होंने धमकी देने वालों से औकात में रहने को तो कहा ही, यह भी कहा कि चूलें हिला दूंगा। मेरी रगों में शहीद जगदेव प्रसाद और सम्राट अशोक का खून है। रामचरितमानस को लेकर उन्होंने शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर का बचाव भी किया। बयान के बदले में बयानों और धमकियों से घिरे मंत्री आलोक मेहता से भास्कर ने खास बातचीत की है। आगे पढ़िए वो क्या कह रहे हैं...

सवाल- अंग्रेजों की तरह कौन लोग हैं अभी? जरा खुल कर बताइए।
जवाब- ज्यादा मत खोलिए। बिना खोले हुए इतनी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। लोग परेशान हैं। मैं कहना चाहता हूं कि 10 फीसदी के लोग एक मानसिकता हैं। ये कोई व्यक्ति नहीं हैं।

मैंने कहा कि समय के हिसाब से शोषक और शोषित बदलते रहे हैं। आज जो दिख रहा है, मैं बता चुका हूं।

सवाल- आपको धमकियां मिल रही हैं। जवाब में आपने कहा कि चूलें हिला देंगे?
जवाब- मैं डरने वाला नहीं हूं गीदड़ भभकी से। मैं जगदेव प्रसाद, चंद्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक का वंशज हूं। मैं इनकी गीदड़ भभकी से डर जाऊंगा? अंग्रेजों की दलाली करने वाले लोग देश को किसी न किसी रूप में बेचने में लगे हैं।

पब्लिक सेक्टर बिक रहा है। बेचने वाला भी वही और खरीदने वाला भी वही। ये सब क्या है? 40 प्रतिशत धन एक प्रतिशत लोगों के पास सिमटा हुआ है।

सवाल- जगदेव बाबू की जयंती मनाई जा रही है। जगदेव प्रसाद वर्तमान में कितने प्रासंगिक हैं?
जवाब- बहुत प्रासंगिक हैं। जब तक प्रतिक्रियावादी लोगों की तल्ख प्रतिक्रिया धमकी के रूप में आती रहेगी, समझिए कि जगदेव बाबू जिंदा हैं। उनकी प्रासंगिकता है। इसलिए कि जिन 10 फीसदी शोषकों की बात वे करते थे, वह किसी न किसी रूप में जिंदा हैं।

सवाल-उनका कौन-कौन सा नारा आपको याद आता है?
जवाब- उनके कई नारे थे- 'सौ में 90 शोषित हैं, 90 भाग हमारा है।' '10 का शासन 90 पर नहीं चलेगा, नहीं चलेगा।' 'धन, धरती और राजपाठ में 90 भाग हमारा है। इसी तरह उनके कई नारे हैं। लेकिन पहला नारा सबसे ज्यादा पॉपुलर है।

सवाल- कहा जा रहा है कि जगदेव बाबू के बहाने बिहार में कुशवाहा राजनीति तेज हो गई है। आप बयान दे रहे हैं, उपेंद्र कुशवाहा दे रहे हैं, सम्राट चौधरी दे रहे हैं?
जवाब- कुशवाहा राजनीति कोई अलग राजनीति नहीं है। कुशवाहा को जान-बूझकर हाशिए पर रखने के लिए, राजनीति की मुख्यधारा से अलग कर देने के लिए साजिश हो रही ताकि राजनीति की मुख्य भूमिका में न रहें कुशवाहा। इसलिए इसको जातीय नाम देकर विकृत करने की कोशिश की जा रही है।

यह देखिए कि जगदेव प्रसाद ने सौ में 90 की बात की। सौ में 90 सिर्फ कुशवाहा नहीं थे। तमाम लोग थे जो समाज की अंतिम पक्ति में थे। ये कोई एक जाति का मामला नहीं है। शोषक वर्ग भी किसी एक जाति का नहीं था। जिसके पास भी धन, धरती आ गई लोगों पर अत्याचार कर वैसे लोग अलग-अलग समय में अलग-अलग रहे हैं।

आज भी जबरदस्ती दखल करने वाले लोग हैं। ये लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ थी, आज की लड़ाई धोखा देकर वोट लेने वालों के खिलाफ है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में देख लीजिए कौन-कौन, कितने लोग हैं। अकबर के जमाने की चीजों को कब्र से निकालकर राजनीति की जा रही है।

सवाल- सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण पर आपकी क्या राय है?
जवाब- आप सवर्ण पर क्यों जा रहे हैं? हमलोगों ने भी इस आरक्षण की मांग की थी। मैनिफेस्टो में रखा था। वह 10 परसेंट, वह 10 परसेंट नहीं है जिसकी बात जगदेव प्रसाद करते थे। जगदेव बाबू का 10 परसेंट उस जमाने का शोषक वर्ग था। अंग्रेजों का दलाल जब मैं बोलता हूं तो कुछ खास लोगों को क्यों मिर्ची लग जाती है? चोर को जब चोर कहिएगा तो तुरंत गुस्सा आ जाएगा। हमने तो जगदेव बाबू के विचारों को रखा था, जो तब भी प्रासंगिक थे और अब भी हैं।

सवाल- जगदेव बाबू ने कहा कि एक पीढ़ी मारी जाएगी, दूसरी जेल में रहेगी और तीसरी राज करेगी...
जवाब- जगदेव बाबू की आवाज को दबाने के लिए गोली मार दी गई। लोग सोए हुए थे। आज के समय जगदेव बाबू रहते तो दिल्ली की सत्ता पलट जाती। वे बहुजन की आवाज थे। लालू प्रसाद पर जितना चार्ज नहीं था, उससे कई गुणा सजा देकर जेल भेजा गया

उन्होंने समाज की अंतिम पंक्ति के लोगों को जगाया। आज का समय जगा हुआ समय है। आज के समय में वैज्ञानिक सोच की बात होनी चाहिए। लेकिन रामायण की बात आई। उसका विश्लेषण नहीं हो? यह डेमोक्रेटिक बात है क्या? रामायण की समीक्षा साहित्यिक दुनिया में होती है। आलोचना-समालोचना होती है। फिर क्यों किसी को मिर्ची लग गई?

सच यह है कि कुछ लोगों ने कब्जा जमाया हुआ है और समाज के लोगों को सांप्रदायिक उन्मादी एरा में ले जाना चाहते हैं। डॉ. चंद्रशेखर, मौर्या और हमारे बयानों से उनका आधिपत्य खत्म होता हुआ दिखता है। वे पहले बुलेट के बल पर वोट ले लेते थे। अब बुलेट से पावरफुल वोट है। धमकी देने वाले औकात में रहें। मेरी आवाज 90 प्रतिशत की आवाज है।