पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम की मिसाल पेश करती एक कहानी राजधानी पटना से सामने आई है। पटना के राजकीय कन्या मध्य विद्यालय में पिछले 4 दिनों से एक शिक्षक एक घायल चमगादड़ की जान बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बिजली की तार से घायल हुए इस चमगादड़ को यह शिक्षक ना सिर्फ दूसरे जानवरों से सुरक्षित रखने की कोशिश में लगे हैं, बल्कि छुटि्टयों में भी स्कूल आकर उसे खाना और पानी दे रहे हैं।
नृपेन्द्र पिछले 4 दिन से अपने स्कूल कैंपस में एक घायल चमगादड़ की देखभाल कर रहे हैं। बिजली के तार से घायल हुए चमगादड़ को नृपेन्द्र ने स्कूल के ही एक पेड़ पर लटका दिया है। चमगादड़ के पंखों में काफी चोट लगी है। उसके पंख की हड्डी बाहर निकल आई हैं। यही वजह है कि वह उड़ नहीं पा रहा।
राजकीय कन्या मध्य विद्यालय, तारामंडल में नृपेन्द्र ने चमगादड़ को थोड़ी उंचाई पर पेड़ पर लटका दिया है। हर रोज स्कूल आने के बाद वह छोटे से बोतल से पानी पिलाते हैं और पके अमरूद जैसे मुलायम फल खिलाते हैं ।
आमतौर पर जिस चमगादड़ से लोग डरते हैं। उस चमगादड़ को नृपेन्द्र जब पानी पिलाते हैं तो वो बड़ी पालतू की तरह पानी पीता है। इन सबके बावजूद नृपेन्द्र टूटे पंख और बाहर निकली हड्डी को लेकर परेशान हैं। उन्होंने वन विभाग के पदाधिकारियों से इसको लेकर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह सफल नहीं हुए। आखिरकार उन्होंने भास्कर से मदद मांगी।
इंडियन प्लाइंग फॉक्स प्रजाति का है चमगादड़
नृपेन्द्र जिस चमगादड़ की देखभाल कर रहे हैं। वो इंडियन फ्लाइंड फॉक्स प्रजाति का है। यह विश्व के सबसे बड़े आकार के चमगादड़ों में से एक है। इसका चेहरा फॉक्स से मिलता-जुलता है। इसीलिए इसका नाम इंडियन फ्लाइंग फॉक्स है। ये भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जानेवाली चमगादड़ों की प्रजाति है।
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