BPSC-PT के परिणाम आने में देरी हुई। इसका कारण OMR शीट की मैनुअली जांच करना है। सामान्यतः OMR शीट की जांच मशीन से होती है। BPSC के चेयरमैन का कहना है कि पेन से गोला बनाकर और फिर मिटाने वालों की आंसर शीट को मशीन नहीं पकड़ पाती है। हमने उन तमाम ओएमआर की जांच मैनुअली भी कराई जो सफल हुए हैं। इसी वजह से आयोग को रिजल्ट देने में देर भी हुई।
अब छात्रों का सवाल है कि OMR शीट की मैनुअली जांच करने वाले तो वही लोग हैं, जिन पर हमलोग गड़बड़ी करने का आरोप लगा रहे हैं। जब गड़बड़ी रोकने के लिए OMR शीट जांचने के लिए मशीन मंगाई गई थी तब फिर से ये मैनुअली क्यों किया जा रहा है? क्या BPSC-PT में लिखकर मिटाने वाली कलम से धांधली हुई?
BPSC-PT में ओएमआर शीट में रंगे गए गोले को इसी कलम से मिटाया जा सकता है। आयोग की ओर से गोलों को काले या नीले बॉल पेन से रंगने को कहा जाता है। छात्र नेता दिलीप कुमार ने के बताया कि इसे मिटाया जा सकता है। इसके लिए कलम बाजार में उपलब्ध हैं। दिलीप कुमार का दावा है कि उन्होंने मंगलवार को आयोग के चेयरमैन अतुल प्रसाद को भी यह कलम दिखाई। उन्होंने कागज पर लिखकर और मिटाकर भी दिखाया भी।
कैमरे पर दिखाई पेन की करामात
दिलीप कुमार ने सफेद कागज पर इस पेन से गोले बनाए और उसे मिटा कर भास्कर को दिखाया भी। इस पेन के पीछे की तरफ जो रबड़ लगा है, उससे गोलों को मिटाने पर पेन के दाग तो हटते हैं लेकिन कागज का एक लेयर भी हटता है। गोलों के किनारे के दाग थोड़े रह जाते हैं। दिलीप कहते हैं कि मशीन से ओएमआर शीट की जांच होती है और मशीन इस तरह से मिटाए गए गोलों को नहीं पकड़ सकता। उन्होंने कहा कि मैनुअली भी इसकी जांच की गई होगी तो खुद चेयरमैन ने तो 11 हजार ओएमआर शीट की जांच नहीं ही की होगी। जांच करने वाले तो वही लोग हैं, जिन पर हमलोग आरोप लगा रहे हैं।
इन आरोपों पर भास्कर ने वापस से चेयरमैन अतुल प्रसाद से बात की। उन्होंने बताया कि छात्रों के प्रतिनिधिमंडल ने इस पेन से गोला बनाकर और मिटाकर हमें दिखाया। लेकिन इसके बावजूद कागज पर कलम के निशान रह जाते हैं। यह सही है कि मशीन इसे नहीं पकड़ पाएगी। लेकिन ये मशीन को धोखा दे सकते हैं व्यक्ति को नहीं। हमने उन तमाम ओएमआर की जांच मैनुअली भी कराई जो सफल हुए हैं। इसी वजह से आयोग को रिजल्ट देने में देर भी हुई।
'जो पास हो गए, उनके रिजल्ट में बदलाव नहीं'
अतुल प्रसाद ने कहा है कि करेक्शन करनेवालों का नंबर कटा है। सभी का ओएमआर जल्द ही आयोग अपलोड करेगा। इरेज कर ठीक करने वालों की लिस्ट भी हम देंगे। आगे कहा कि 67वीं पीटी के रिजल्ट में जो अभ्यर्थी पास हो गए हैं, उनके रिजल्ट में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वे निश्चिंत रहें। हम स्टूडेंट के आग्रह पर एक्सपर्ट से खास तौर से आर्ट्स से जुड़े उत्तरों की जांच करवाएंगे और उसमें आयोग की ओर से दिए गए उत्तर में गड़बड़ी पाई गई तब हम सामान्य स्थिति में बेनिफिट दे सकते हैं।
मंगलवार को पटना में आयोग कार्यालय का हुआ घेराव
BPSC की ओर से आयोजित 67वीं PT में जब जेनरल का कटऑफ 113 चला गया तो इसे हाई माना गया। इसके बाद आरोप लगने शुरू हो गए। कहा जा रहा है कि आयोग 150 ऐसे सवाल भी नहीं पूछ सकता, जिसके आंसर उसे परफेक्ट मालूम हों। आयोग ने 8 प्रश्नों के आंसर आपत्ति लेने के बाद बदल दिए। जो आंसर बदले गए, उसके भी गलत होने का आरोप लग रहा है।
इसको लेकर मंगलवार को आयोग के कार्यालय का घेराव BPSC अभ्यर्थियों ने कर दिया। खूब नारेबाजी हुई, धरना दिया गया। आखिरकार आयोग के चेयरमैन ने आंदोलनकारियों के शिष्टमंडल से बात की। आश्वासन दिया कि एक अलग पैनल बनाकर उत्तरों की जांच कराई जाएगी।
पहले 8 मई, फिर 30 सितंबर को ली गई परीक्षा
BPSC की पीटी परीक्षा में लगातार आठ-दस प्रश्न गलत पूछे जा रहे हैं। आयोग पीटी परीक्षा के बाद इसका आंसर जारी करता है, लेकिन परीक्षार्थियों के आपत्ति के बाद पैनल डिस्कशन होता और फिर इसके उत्तर में बदलाव किया जाता है। इससे आयोग की छवि को तो धक्का लगता ही है अभ्यर्थियों को भी परेशानी होती है।
67वीं BPSC-PT पहली बार इसी साल 8 मई को हुई थी। परीक्षा को फिर इसलिए रद्द कर देना पड़ा कि प्रश्नपत्र लीक हो गया था। इसके बाद आयोग में जांच का लंबा सिलसिला चला। कइयों की गिफ्तारियां हुईं। कई नए नियमों के साथ 30 सितंबर को फिर से PT ली गई। लेकिन इसमें हाई कटऑफ जाने, कई आंसर बदलने और चार-चार कैटेगरी का एकजैसा कटऑफ आने पर विवाद गहराया हुआ है।
कैटेगरी अलग, लेकिन एकजैसे कटऑफ
67वीं BPSC-PT के परिणाम में अलग-अलग कैटेगरी में अलग-अलग कट ऑफ गया है। लेकिन कुछ कैटेगरी ऐसे हैं, जिसमें एकसमान कटऑफ है। EWS, EBC पुरुष वर्ग, जेनरल महिला वर्ग और BC पुरुष कैटेगरी के कटऑफ एकसमान यानी 109 हैं। यह कैसे हो गया, इसकी जांच की मांग भी की जा रही है।
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