सुधाकर सिंह ने आरजेडी को नोटिस का जवाब भेजा:बोले- मैंने किसानों के हक की बात हमेशा की, अनुशासन में रहते हुए मांग की

पटना2 महीने पहले
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आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह - Dainik Bhaskar
आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह

पूर्व कृषि मंत्री और आरजेडी के विधायक सुधाकर सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय प्रदान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी की ओर से जारी नोटिस का जवाब दे दिया है। 17 जनवरी को पार्टी ने सुधाकर सिंह को नोटिस भेजकर 15 दिन के अंदर जवाब देने के लिए कहा था। सुधाकर सिंह ने तय समय सीमा के अंदर पार्टी को अपना जवाब भेज दिया है। सुधाकर सिंह ने नोटिस मिलने के बाद भास्कर को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कई बातें रखीं थीं। दस दिन पहले उन्होंने भास्कर से बात की थी।

ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे पार्टी को नुकसान पहुंचे

सुधाकर सिंह ने भास्कर को बताया कि उन्होंने अपना जवाब पार्टी को दे दिया है। अब उस पर पार्टी को निर्णय लेना है। जानकारी है कि सुधाकर सिंह ने राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुलबारी सिद्दीकी को लिखे पत्र में कहा है कि उन्होंने कोई भी ऐसा काम नहीं किया है जिससे उनकी पार्टी आरजेडी को नुकसान पहुंचे। पत्र में सुधाकर सिंह ने क्या-क्या लिखा है इसके जवाब में सुधाकार सिंह ने कहा कि यह उनकी और उनके पार्टी के बीच का आंतरिक मामला है जिसे मीडिया के सामने नहीं रखा जा सकता। उन्होंने अपना जवाब भेज दिया है। अब राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद इस पर निर्णय लेंगे। सुधाकर सिंह ने अब्दुलबारी सिद्दीकी को 5 पन्नों का जवाब भेजा है।

मैं तो किसानों के हित की बात पार्टी लाइन पर कर रहा हूं, यह पार्टी के घोषणा पत्र में है

जानकारी है कि सुधाकर सिंह ने अपने जवाब में लिखा है कि उन्होंने कोई ऐसा काम नहीं क्या है जो पार्टी लाइन के विपरीत हो वह पार्टी को लगातार मजबूत करने का अभियान चला रहे हैं। वे पार्टी के अनुशासन के दायरे में हैं और इस दायरे में रहकर ही गरीबों किसानों के हितों की बात कर रहे हैं। बार-बार अपने भाषणों में इस बात का जिक्र कर रहे हैं कि लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री रहते किस तरह से गरीबों, पिछड़ों और किसानों के हित में काम किया गया।

उन्होंने लिखा है कि उन्होंने पार्टी घोषणा पत्र और राष्ट्रीय परिषद की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार किसानों के हक की बात कर रहे हैं। मंडी कानून लागू करने की मांग कर रहे हैं, किसानों को एमएसपी के हिसाब से अनाज खरीद की बात कर रहे हैं, और साथ ही अनाज खरीद में पैक्स के साथ-साथ अन्य एजेंसियों को भी शामिल करने की मांग कर रहे हैं। उनकी तमाम मांगें किसानों के हित में हैं जिसकि लड़ाई राष्ट्रीय जनता दल हमेशा लड़ता रहा है। उन्होंने कोई भी अनपार्लियामेंट्री शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है।

नोटिस में क्या लिखा गया था

बता दें कि आरजेडी के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुलबारी सिद्दीकी ने सुधाकर सिंह को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि ' राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देशानुसार आपको यह कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। उनके संज्ञान में आया है कि एक बार पुनः आपने गठबंधन धर्म की मर्यादा का उल्लंघन किया। राज्य के राष्ट्रीय अधिवेशन में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया था कि गठबंधन के मामलों और शामिल दलों के शीर्ष नेतृत्व के संदर्भ में सिर्फ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अथवा उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ही बात रखने के लिए अधिकृत हैं। आप ने लगातार इस प्रस्ताव का उल्लंघन किया है। आपके बयान लगातार उन ताकतों को बल देते हैं जो संविधान को रौंद कर न्याय, सौहार्द और समानता की पैरोकारी को समाप्त करना चाहते हैं। आपके आपत्तिजनक बयान देश- प्रदेश और राजद के एक बड़े वर्ग को आहत कर रहे हैं। राष्ट्रीय जनता दल के संविधान की धारा 330 के नियम 22 के तहत आप कृपया 15 दिनों के अंदर यह स्पष्टीकरण दें कि क्यों नहीं आपके विरुद्ध कठोर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाए!'

इससे पहले मंत्री पद गंवा चुके हैं सुधाकर

नोटिस भेजे जाने से पहले सुधाकर सिंह की तनातनी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से भी हो चुकी है। कृषि मंत्री पद पर रहते हुए सुधाकर सिंह ने कहा था कि 'उनके विभाग में चोर भरे पड़े हैं और वे चोरों के सरदार हैं।' उन्होंने नीतीश कुमार के तीनों कृषि रोड मैप पर भी सवाल उठाया था और विभाग में पीत पत्र तक लिखा था। जांच कराने की बात कही थी। जिसके बाद लालू प्रसाद के कहने पर सुधाकर सिंह ने गांधी जयंती 2 अक्टूबर के दिन कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने तब उनके इस्तीफे को बलिदान की संज्ञा दी थी और उसके बाद महीनों पार्टी कार्यालय नहीं आए थे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी जगदानंद सिंह नहीं गए थे। अब सुधाकर सिंह की विधायकी को लेकर लालू प्रसाद क्या फैसला लेते हैं इसका इंतजार है!