तेज प्रताप यादव के करीबी और छात्र RJD के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष आकाश यादव ने पार्टी का साथ छोड़ दिया है। शुक्रवार को वह पारस गुट वाली लोजपा में शामिल हो गए। उनको राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने सदस्यता दिलाई। इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष प्रिंस राज भी मौजूद रहे हैं।
ये वही आकाश यादव हैं, जिन्हें कुछ दिन पहले राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने छात्र RJD के अध्यक्ष पद से हटा दिया था। इनकी जगह गगन यादव को छात्र RJD की कमान सौंप दी थी। दरअसल, छात्र राजद के 8 अगस्त के आयोजन के लिए पार्टी कार्यालय में पोस्टर लगाए गए थे। इन पोस्टर में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की फोटो नहीं थी। इसी कार्यक्रम में तेजप्रताप यादव ने जगदानंद सिंह को हिटलर कहा था। इसके बाद विवाद पार्टी में विवाद शुरू हो गया था।
आकाश के दल बदलने का मतलब समझिए
राजद में पद से हटाए जाने के बाद आकाश यादव नए रास्ते की ओर से जा रहे हैं। लोजपा पारस गुट पर, नीतीश कुमार और भाजपा का प्रभाव माना जाता है। इसलिए यह भी चर्चा है कि आकाश को लोजपा पारस गुट में शामिल कराके राजद का विरोध करने के लिए इस्तेमाल किया जाए। आकाश को पद से हटाए जाने के बाद तेज प्रताप काफी नाराज थे। उन्होंने अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेस कर पार्टी संविधान दिखाते हुए कोर्ट जाने तक की धमकी दी थी।
तेज प्रताप ने कहा था कि आकाश को हटाने की जानकारी भी उन्हें नहीं दी गई थी और न ही हटाने के पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। हालांकि, तेज प्रताप के बयान पर पार्टी में कोई सुनवाई नहीं हुई। आकाश यादव की पद पर वापसी नहीं की गई, न जगदानंद सिंह और न तेजस्वी के रणनीतिकार संजय यादव पर कोई कार्रवाई हुई। जबकि, तेज ने कठोर कार्रवाई की मांग की थी। आकाश को पद से हटाकर तेज के पर कतरने की कोशिश पार्टी में हुई, ये बात तेज भी खूब समझते हैं। आकाश यादव, तेजप्रताप यादव के काफी करीबी रहे हैं।
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