बिहार में 7वें चरण के शिक्षक नियोजन का इंतजार और लंबा हो सकता है। नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के बाद अब 22 अक्टूबर तक चुनाव आचार संहिता लागू है। इसी वजह से 7वें चरण की शिक्षक बहाली में और विलंब हो सकता है।
दरअसल, शिक्षा विभाग चाहता है कि शिक्षक नियोजन से जुड़ी तमाम खामियों को दूर किया जाए। इसके लिए नई नियमावली तैयार की गई है। साथ ही इसे वित्त विभाग को भेज भी दिया गया है। वहां से फाइल आने के बाद कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा।
बिहार में 22 अक्टूबर तक चुनाव आचार संहिता लागू है। नगर निकाय महत्वपूर्ण नियोजन इकाई है और इसी का चुनाव होना है। हालांकि नई बहाली सेन्ट्रलाइज तरीके से ली जानी है। इसके बावजूद नियोजन इकाई की भूमिका तो होगी ही।
यह साफ है कि 7वें चरण की शिक्षक बहाली में नई नियमावली के तहत नियोजन होगा। इसमें ऑन लाइन आवेदन लिए जाएंगे। प्रारंभिक स्कूलों में लगभग एक लाख शिक्षकों की बहाली की जाएगा। जबकि हाई स्कूलों में लगभग 80 हजार रिक्ति आने की संभावना है।
हालांकि पहले से यह तैयारी विभाग की ओर से की जा रही थी कि प्रारंभिक और हाई स्कूलों में शिक्षक बहाली की वैकेंसी सितंबर तक आ जाए। इसमें और देर की आशंका है। सरकार के बदलने और अब चुनाव आचार संहिता इसके पीछे की बड़ी वजह बन सकती है। दूसरी तरफ बहली प्रक्रिया में बदलाव को जब तक कैबिनेट की स्वीकृति नहीं मिल जाती है तब तक संभावित तिथि बताना भी मुश्किल है। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद शिक्षा विभाग बहाली प्रक्रिया का नोटिफिकेशन जारी करेगा।
बता दें छठे चरण के नियोजन के लिए शिक्षा विभाग ने निर्वाचन आयोग से अनुमति ली थी। जानकार डॉ. सजल बताते हैं कि पहले भी चुनाव के समय शिक्षक नियोजन कार्य हुआ है। लेकिन छठे चरण के नियोजन की घोषणा पहले हो चुकी थी और बीच में जब मामला फंसा था तो चुनाव आयोग से अनुमति लेनी पड़ी थी। तब चुनाव आयोग ने नियुक्ति प्रक्रिया चलाने लेकिन नियुक्ति पत्र जारी नहीं करने का निर्देश दिया था।
इस बार सातवें चरण के नियोजन की तिथि की घोषणा पहले से नहीं है। इसलिए 22 अक्टूबर तक का इंतजार तो करना ही पड़ेगा! चुनाव आयोग अनुमति मांगने पर क्या जवाब देता है, इस पर सब कुछ निर्भर करेगा।
प्रारंभिक और हाई स्कूलों में एक साथ 7वें चरण की बहाली प्रक्रिया शुरू करने की संभावना
जानकारी मिल रही है कि प्रारंभिक और हाई स्कूलों में एक साथ 7वें चरण की बहाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वाणिज्य विषय की होने वाली एसटीइटी परीक्षा के अभ्यर्थियों को सातवें चरण के लिए अलग से मौका मिल सकता है। इसकी वजह यह कि अब तक इस विषय में एसटीईटी परीक्षा का आयोजन ही नहीं हुआ है जबकि पटना हाईकोर्ट का इस बारे में स्पष्ट निर्देश है कि शिक्षा विभाग वाणिज्य विषय के लिए एसटीईटी परीक्षा आयोजित करनी है। लेकिन इसकी वजह से सातवें चरण की बहाली प्रक्रिया प्रभावित नहीं होगी। फिर से बता दें कि शिक्षा विभाग सातवें चरण में सेंट्रलाइज तरीके से आवेदन लेगा और मेरिट लिस्ट ऑनलाइन जारी होने के बाद काउंसिलिंग की जिम्मेदारी नियोजन इकाइयों को पहले की तरह ही दिया जाएगा। मेरिट लिस्ट बनाने में बदलाव किया जा रहा है। एकेडमिक के एवरेज मार्क्स का वेटेज 40 फीसदी जबकि टीईटी या एसटीईटी परीक्षा का 60 फीसदी जोड़कर मेरिट लिस्ट तैयार किया जाएगा।
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