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वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार- 2019-20 के लिए विश्वविद्यालय की तरफ से तीन स्वयंसेवक एवं एक नोडल पदाधिकारी के नाम का चयन किया है। विश्वविद्यालय ने इसकी सूची क्षेत्रीय कार्यालय पटना को भेज दिया है। इसके लिए एचडी जैन कॉलेज से स्वयंसेवक पायल सिंह, जगजीवन कॉलेज से स्वयंसेवक भुवन पांडेय एवं एएस कॉलेज विक्रमगंज से स्वयंसेवक दयाशंकर कुमार के नाम का चयन कमेटी ने किया है।
महंथ महादेवानंद महिला कॉलेज की नोडल पदाधिकारी प्रो विजया लक्ष्मी का नाम राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार 2019-20 के लिए चयनित किया गया है। कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ राजीव कुमार ने बताया कि स्वयंसेवकों के प्रदर्शन के आधार पर विश्वविद्यालय की कमेटी ने तीन स्वयंसेवक एवं एक नोडल पदाधिकारी के नाम का चयन किया है।
उन्होंने बताया कि विभिन्न कॉलेज से एक छात्र, एक छात्रा एवं एक कार्यक्रम पदाधिकारी का नाम चयन करके मांगा गया था। 26 दिसबंर तक विश्वविद्यालय को यह सूूची भेजना था। कुछ स्वयंसेवकों द्वारा आपति दर्ज किया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा इसके लिए समय नहीं दिया गया है।
जिसके बाद विश्वविद्यालय की तरफ से 30 दिसंबर तक के लिए तिथि को बढ़ा दिया गया था। राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार 2019-20 के लिए चार कॉलेज से 12 आवेदन आया हुआ था जिसमें से स्वयंसेवकों एवं नोडल पदाधिकारी के नाम का चयन किया गया है।
हर वर्ष राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत स्वयंसेवक होते हैं पुरस्कृत
प्रति वर्ष राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा बेहतर कार्य करने वाले स्वयंसेवकों का पुरस्कृत किया जाता है। विश्वविद्यालय स्तर से एक छात्र, छात्रा एवं एक कार्यक्रम पदाधिकारी का नाम चयन करके मांगा जाता है। विश्वविद्यालय महाविद्यालय से अपने यहां बेहतर कार्य करने वाले सामान्य श्रेणी के 25 वर्ष अथवा अनूसचित जाति/ जनजाति श्रेणी के 28 वर्ष तक के स्वयंसेवकों का नाम चयन करके मांगता है।
महाविद्यालय से स्वयंसेवकों की सूची प्राप्त होने पर विश्वविद्यालय एक कमेटी बनाकर स्वयंसेवकों के प्राेफाइल की जांच पड़ताल करता है। जिस स्वयंसेवक का प्रोफाइल सबसे बेहतर होता है उसका नाम चयन करके विश्वविद्यालय की ओर से भेजा जाता है।
भारत सरकार युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय द्वारा बेहतर करने वाले स्वयंसेवक एव नोडल पदाधिाकरी को सम्मानित किया जाता है। इस दौरान जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय सेवा पुरस्कार पाने के लिए हर साल प्रतिभागी कड़ी मेहनत कर के अपने कार्य पूरा करते हैं। ताकि वो रेस में बने रहें।
इन मापदंडों को करना था पूरा
विश्वविद्यालय ने पत्र जारी करते हुए एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2020 तक जिन स्वयंसेवकों ने बेहतर कार्य को अंजाम दिया था उनका प्रोफाइल मांगा था। साथ ही स्वयंसेवकों का दो वर्ष का अनुभव प्रमाण, सात दिवसीय विशेष आवासीय शिविर एवं एक राष्ट्रीय कैम्प होना अनिवार्य था।
स्वंयसेवकों या सेविकाओं एवं कार्यक्रम पदाधिकारी द्वारा संलग्न उपलब्धियों की विवरणिका विषय सूची के साथ देना था। प्रमाण पत्र, पेपर कटिंग, फोटोग्राफस, एनएसएस डायरी की छाया प्रति जिसमें उनके कार्यों की प्रविष्टियों का अंकन संलग्न करना था। जन्म तिथि के प्रमाण-पत्र की छायाप्रति के साथ (नाेटरी पदाधिकारी) के द्वारा अाचरण-पत्र देना था।
इन स्वयंसेवकों का हुआ है चयन
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