भाजयुमो के कार्यक्रम में सूबे के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार में हम कार्यकर्ताओं को भी नहीं बचा पाते, क्योंकि यहां विचार टकराते हैं। यहां काम करना मुश्किल है, चैलेजिंग है। नेतृत्व ने 2015 अवसर दिया था, लेकिन हम जीत नहीं पाए। अवसर गवां दिया। फिर 2017 में गठबंधन किया। 74 सीटें जीतीं, पर सीएम नीतीश कुमार को बनाया।
दरअसल, औरंगाबाद में तीन दिवसीय भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक चल रही है। मंत्री सम्राट चौधरी उसमें ही शिरकत करने पहुंचे थे। सम्राट चौधरी ने कहा कि देश के कई राज्यों में बीजेपी की अकेले की सरकार है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश या फिर कुछ दिनों पहले तक झारखंड में बीजेपी की अकेले की सरकार थी। तब बीजेपी के लिए फैसला लेना आसान था। लेकिन गठबंधन की सरकार में फैसला लेना मुश्किल है।
सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार की सरकार में चार पार्टियां शामिल हैं। उन चारों की विचारधारा अलग है। सबकी अलग-अलग मांग है। ऐसे में सरकार चलाना और लोगों की भावनाओं का ख्याल रख पाना बेहद मुश्किल है। पार्टी के कार्यकर्ताओं को इस बात को समझना चाहिए।
सम्राट चौधरी ने एक बार फिर कहा कि बीजेपी ने 74 सीटें जीत कर भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाया जबकि जेडीयू के पास सिर्फ 43 सीटें थीं। गठबंधन के कारण ही ऐसा करना पड़ा। सम्राट ने कहा कि ऐसा पहली दफे नहीं हुआ है। इससे पहले भी 2000 के विधानसभा चुनाव में जब नीतीश कुमार की पार्टी को सिर्फ 37 सीटें मिली थीं और बीजेपी को तब भी 69 सीटें मिली थीं। तब भी नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया गया था।
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