फसल बर्बाद:बूढ़ी गंडक में बढ़ा पानी, पशु चारा और सब्जी की फसल बर्बाद होने से किसानों में मायूसी

नावकोठी2 वर्ष पहले
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  • निचले हिस्से की फसलों में मक्का, अरहर, सोयाबीन, जनेर, सब्जियों में परबल, नेनुआ, भिंडी की फसल हुई बर्बाद

जलस्तर में हुई वृद्धि से दियारा क्षेत्र के सैकड़ों एकड़ में लगी फसलें बर्बाद हो गई है। जल दियारा क्षेत्र के निचले हिस्से में तेजी से फैल रहा है। निचले हिस्से की फसलों में मक्का, अरहर, सोयाबीन, जनेर, सब्जियों में परबल, नेनुआ, भिंडी सहित अन्य फसलों में पानी घुस जाने से नष्ट हो गई हैं। महेशवाड़ा, वृन्दावन, टेकनपुरा, डफरपुर, कमलपुर, छतौना, नावकोठी, हसनपुर बागर, इसफा, सिसौनी, तुरकिया समसा का अधिकांश रकबा बूढ़ी गंडक नदी के दियारा क्षेत्र में ही पड़ता है। किसानों में पहसारा के बौआ सिंह, मुकेश कुमार, कमलपुर के जनार्दन सिंह, महेशवाड़ा के संजय सिंह, हसनपुर बागर के नारायण पासवान, शुकल रजक, राम चन्द्र पासवान ने बताया कि दियारा क्षेत्र की जमीन से मात्र एक फसल ही उगा पाते हैं। जबकि एक फसल में लगी लागत पूंजी भी बर्बाद हो जाती है।

किसानों ने बताया कि हम लोगों की खेती घाटे का सौदा बन गया है। भदई की फसल तो बूढ़ी गंडक की भेंट चढ़ जाती है। उसकी लागत पूंजी भी डूब जाती हैं। महाजनों से अथवा बैंकों से कर्ज लेकर खेती करते हैं। दो फसलों में एक फसल बमुश्किल हो पाती है। ऐसे में हमलोग घाटे में ही रहते हैं। कर्ज से उबर नहीं पाते हैं।

तटबंध पर बढ़ते दबाव के कारण प्रशासनिक हलचल तेज
इधर निचले क्षेत्र में बूढ़ी गंडक के जल फैलने से जल का दबाव तटबंध पर बढ़ता जा रहा है। प्रशासनिक चहलकदमी बढ़ गई है। गुरुवार को एसडीओ बखरी अशोक कुमार गुप्ता एवं बीडीओ निरंजन कुमार ने प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के बांधों का मुआयना किया। भारी वर्षा के कारण हुई रेनकट से बांध की मिट्टी को भरने का निर्देश दिया है। महेशवाड़ा के किसान हरिहर सिंह, अरुण कुमार सहित अन्य किसानों ने बताया कि इस प्रखंड का दक्षिणी हिस्सा बूढ़ी गंडक नदी ही है। इसमें सैकड़ों एकड़ जमीन बूढ़ी गंडक नदी के ही चपेट में पड़ जाने से किसानों को भारी क्षति होती है। सरकार की ओर से किसानों की हुई क्षति का मुआवजा भी नहीं मिलता है।

बलान नदी पर बने जमींदारी बांध को मोरम्मत कराने का डीएम से किया अनुरोध

डीएम बेगूसराय से आम आदमी पार्टी के पंचायत चुनाव प्रभारी शिव दयाल ने भगवानपुर प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली बलान नदी पर बने जमींदारी बांध का युद्ध स्तर पर मरम्मत कार्य किए जाने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा है कि बलान नदी के जलस्तर में तीव्र गति से वृद्धि होने के कारण बनहारा से महेशपुर तक बने तटबंध पर दबाव है। इस कारण से बनहारा, पासोपुर, दामोदरपुर, बसही, चुरामनचक, पाली, सतराजेपुर, अतरुआ, चकसदाद, मल्हीपुर, महेशपुर आदि गांवों पर बाढ़ का खतरा बना है। गत वर्ष भी आपके द्वारा बाढ़ नियंत्रण विभाग के अधिकारियों के साथ इन क्षेत्रों का दौरा किया गया था।

लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी इस क्षेत्र में समस्या के समाधान के लिए स्थायी प्रयास नहीं किया गया है। बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण समस्या फिर से खड़ी हो गयी है।क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल है। उन्होंने डीएम से तटबंध का युद्व स्तर पर मरम्मति का कार्य शुरू करवाने का अनुरोध किया है। विदित हो कि पिछले वर्ष बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण चकसदाद, अतरुआ,दामोदरपुर, पासोपुर, औगान आदि

गांवों में बलान नदी का पानी तटबंध से ओवर फ्लो कर गया था जिससे फसल व जनजीवन प्रभावित हुआ था। बलान नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण रसलपुर पंचायत के भगवानपुर गांव स्थित कई घरों में पानी प्रवेश कर गया है।भगवानपुर स्थित मस्जिद में भी बलान नदी का पानी प्रवेश करने की स्थिति में है।