पाएं अपने शहर की ताज़ा ख़बरें और फ्री ई-पेपर
Install AppAds से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
भभुआ वन प्रक्षेत्र के भगवानपुर प्रखंड अंतर्गत मकरीखोह पौधशाला में पौधों की सिंचाई अब सोलर पम्प सिस्टम से होगी। नर्सरी में यह व्यवस्था शुरू कर दी है। इससे पहले ही जैविक खाद से पौधों को विकसित किए जाने का प्रबन्ध किया जा चुका है।खेती किसानी में जैविक उर्वरक के उपयोग के लिए किसानों को प्रेरित किया जा रहा है। अब पेड़ पौधों को भी जैविक उर्वरक दिए जाएंगे। वन विभाग की ओर से इसकी तैयारी भी तेजी से पूरी की जा रही है। विभाग की ओर से बीते सत्र में शुरू की गई मकड़ीखोह नर्सरी इसका मिसाल बनेगा। संभव है अगले सत्र से इस नर्सरी से उगाई जाने वाली विभिन्न प्रजातियों के पौधों की नर्सरी जैविक उर्वरक के दम पर ही खड़ी होंगी। यह नर्सरी 5 हेक्टेयर एरिया में फैला है। इस नर्सरी से हर साल ढाई लाख पौधे उत्पादित होंगे। जाहिर है रसायनों से इतर जैविक पौष्टिक तत्वों से भरपूर पौधों की उपज व लकड़ियां भी बेहतर होंगी।
5 हेक्टेयर में फैला है यह नर्सरी
वन विभाग के आधिकारिक जनों का कहना है कि वन विभाग की ओर से बीते सत्र के दिसंबर माह में मकरी खोह पहाड़ी की तलहटी में विभाग की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कर पौधशाला विकसित किया गया है। अब धीरे-धीरे कई तरह की सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
जैविक खाद से तैयार की जाएगी पौधों की नर्सरी
जानकार बताते हैं कि मकरीखोह नर्सरी में आम जामुन नींबू शरीफा बास सागौन सहित कई अन्य प्रजातियों के पौधे तैयार किए जाने हैं। इनमें फलदार व लकड़ियों के भी पौधे शामिल हैं। नर्सरी में इन पौधों को जैविक खाद के जरिए तैयार किया जाएगा।
अतिक्रमित था यह हिस्सा| विभाग के जानकारों का कहना है कि साल भर पहले तक मकरीखोह पहाड़ी के तलहटी में बड़ी एरिया में भूमि अतिक्रमण में थी। इसे अतिक्रमण मुक्त कराकर पौधशाला तैयार की गई है। अब यहां पहुंचने की पहुंच पथ भी दुरुस्त कराई जाएगी।नर्सरी में तेजी से तैयारियां की जा रही है।
पॉजिटिव- आज जीवन में कोई अप्रत्याशित बदलाव आएगा। उसे स्वीकारना आपके लिए भाग्योदय दायक रहेगा। परिवार से संबंधित किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर विचार विमर्श में आपकी सलाह को विशेष सहमति दी जाएगी। नेगेटिव-...
Copyright © 2020-21 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.