बिहार सरकार द्वारा विकास के लाख दावे किये जा रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही नजर आती है। बिहार की स्थिति 15 साल में कितनी बदली है, यह आपको आरा शहर के गोढना आने के बाद पता चलेगा। कई गांवों को जोड़ने वाली यह सड़क गड्ढे में तब्दील हो गई है। लोग कहते हैं, अगर नरकलोक में जाना हो तो आप इस रास्ते से जा सकते हैं। इस सड़क के रास्ते प्रतिदिन सैकड़ों लोग सफर करते हैं। दिनभर वाहनों की आवाजाही लगी रहती है। फिर भी किसी को इसकी सुध लेने की फुर्सत नहीं है।
आठ सालों से सड़क है जर्जर
आरा शहर के गोढना मोहल्ले की यह जर्जर सड़क आरा-पियनिया का शार्टकट माना जाता है। कई लोग इस रास्ते दस गांवों तक जाते हैं। यह रास्ता 10 से 15 हजार की आबादी वाले गांवों तक जाता है। कई गांवों को जोड़नेवाली इस सड़क में जगह-जगह बने गढ्डे व उबड़-खाबड़ सड़क इसकी जर्जरता को खुद बयां करते हैं। सड़क जर्जर होने के कारण दोपहिया और छोटे वाहन चालकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इसके चलते इस मार्ग में अक्सर हादसा भी होता रहता है।
स्थानीय बताते हैं कि यह स्थिति लगभग आठ सालों से है। बरसात में तो नरक की स्थिति बनी रहती है। जगह-जगह टूटी सड़क कई जगह तो पूरी तरह कीचड़मय हो जाती है, जिससे होकर निकलना राहगीरों के लिए मुश्किल हो जाता है।
10-15 वर्षों में विकसित हुआ इलाका, अब नल जल योजना से बर्बाद
आरा नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नम्बर 45 में स्थित गोढना रोड इलाके में लोगों ने पिछले 10-15 वर्षों में घर बनाने शुरू किए। धीरे-धीरे यह एक सघन कॉलोनी के रूप में रिहायशी इलाके में तब्दील हो गया। अब नल-जल योजना के नाम पर हर गली और सड़क को संवेदकों ने खोद कर उसकी दशा बिगाड़ दी। खुदाई के बाद गड्ढे भरे नहीं गए।
इस बात की शिकायत वर्तमान वार्ड पार्षद रेणु देवी के प्रतिनिधि व भाजपा के चुनाव आयोग सेल के संयोजक अमरेंद्र कुमार चौबे ने कई स्तर पर की। नगर आयुक्त व जिलाधिकारी से लेकर मुख्यमंत्री तक शिकायत की गई। वार्ड पार्षद रेणु देवी की मानें तो नल-जल, गली पक्कीकरण, सड़क, गली और नालियों के करोड़ों रुपए के कार्य आवंटन के बाद भी संवेदकों द्वारा नहीं करना एक साजिश है।
संवेदकों को नोटिस के दो दिन बचे
लगातार शिकायतों के बाद जिलाधिकारी द्वारा एक जांच कमिटी गठित की गई, जिसमें भूमि सुधार उप समाहर्ता एवं कार्यपालक अभियंता को जांच की जिम्मेदारी दी गई। लेकिन डीएम के आदेश की अवहेलना करते हुए इन दोनों पदाधिकारियों के द्वारा आज तक जांच नहीं की गई। इसके बाद आरा के नगर आयुक्त ने 9 अप्रैल, 2021 को मुख्य अभियंता को आदेश दिया कि वैसे सभी संवेदक जिनके द्वारा कार्य आवंटन/एकरारनामा/कार्यादेश के पश्चात भी कई वर्षों से कार्य प्रारम्भ नहीं किए गए, उन्हें अंतिम रूप से नोटिस दिया जाए। 20 अप्रैल को यह नोटिस दिया गया। अब निगम द्वारा जारी आदेश को पूरा होने में 2 दिन बाकी है। देखना होगा कि दो दिनों में सड़क बनती है या नहीं।
(शिवानी के इनपुट के साथ)
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