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जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गुरुवार को गोदभराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गयी। इस दौरान गर्भवती महिलाओं व बच्चों की देखभाल को लेकर कई जानकारी भी दी गयी। साथ ही गर्भवती महिलाओं एवं शिशुओं का टीकाकरण भी किया गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के केन्द्रों पर गर्भवती को लाल चुनरी ओढ़ा कर एवं माथे पर लाल टीका लगा कार्यक्रम की शुरुआत हुई।
महिलाओं को विभिन्न व्यंजनों में शामिल सतरंगी फल,सूखे मेवे भी भेंट की गयी। इस दौरान पोषक आहार में फल और मेवे का वितरण हुआ। साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषक आहार सेवन के विषय में गर्भवतियों को जागरूक भी किया गया। “मैं पहली बार मां बनने जा रही हूं। इस दौरान मेरे पोषण के लिए क्या जरूरी है इसके विषय में मुझे कम जानकारी थी।
आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह: आज गोदभराई में शामिल होने के बाद गाँव की आंगनवाड़ी सेविका रेखा दीदी ने मुझे बताया कि इस समय आयरन एवं कैल्सियम गोली खाना बहुत जरूरी है। इससे मेरे साथ मेरे गर्भस्थ में पल रहे शिशु को भी स्वास्थ्य लाभ मिलेगा। साथ ही उन्होंने उन्होंने मुझे इस दौरान आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों को शामिल करने की सलाह भी दी। साथ ही उन्होंने मुझे प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना और इनसे मिलने वाले लाभ के बारे में भी हमें जानकारी दी”।
बताया पोषण की जरूरत का महत्व
जिला के डुमरांव प्रखण्ड के केंद्र संख्या 47 की सेविका लीलावती देवी ने बताया कि गोदभराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के आखिरी दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के विषय में गर्भवतियों को अवगत कराना है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए। बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता है। उन्होंने उन्होंने यह भी बताया कि आज उनके केंद्र पर 5 गर्भवती महिलाओं की गोद भराई हुई।
आखिरी महीनों में जरूरी है बेहतर पोषण
गर्भ के आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है। इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन,कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा होना जरुरी होता है। इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं को साप्ताहिक पुष्टाहार भी वितरित किया जाता है। इसके साथ महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध भोज्य पदार्थों के सेवन से भी अपने पोषण का ख्याल आसानी से रख सकती हैं। हरी साग-सब्जी, सतरंगी फल, दाल, सूखे मेवे एवं दूध के सेवन से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है।
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