छपरा शहर के एक युवक ने अपने शोध कार्य मे जानकारी का अनोखा संगम तैयार किया है। पिछले 25 वर्षों से अलग-अलग विषय पर विभिन्न अखबारों और पत्रिकाओं के कतरन से बुक तैयार किया है।
कई विषयों पर शोधपरक जानकारी इक्कठा करने वाले राजेश कुमार सिंह एकमा के अलख नारायण सिंह उच्च विद्यालय में बतौर लाइब्रेरियन के पद पर कार्यरत है। शोध कर रहे कई छात्र पढ़ाई के लिए राजेश के घर पर आते हैं।
फोटोज के साथ तैयार किया गया शब्दकोश
लाइब्रेरियन राजेश ने पिछले 25 सालों से अलग-अलग अलग मुद्दे और विषय पर हजारों अखबारों के कतरनों को जोड़कर किताबें तैयार की गई है। ओलंपिक, बिहार में बाढ़, अन्ना आंदोलन, राष्ट्रपति के कार्यकाल सहित दर्जनों विषय पर हजारों अखबार के कतरन को इक्कठा कर शोध पत्र बनाए हैं। सभी मुद्दों पर बिंदुवार अलग अलग समाचार पत्र पत्रिकाओं से कतरन निकाल एक सुंदर सचित्र जानकारी का बुकलेट तैयार किया गया है।
सर्च इंजन गूगल पर भी जानकारी नहीं
राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और प्रणव मुखर्जी के कार्यालय के सभी तस्वीर और जानकारी के कतरन को संकलित किया है। बिहार में बाढ़ की विभीषिका पर भी उन्होंने शोधपत्र तैयार किया है। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं की मदद से राजेश के शोध पत्र में विभिन्न प्रकार की रोचक जानकारियां मिलती है। कई ऐसी जानकारी है जो सर्च इंजन गूगल के पास नहीं है। लेकिन, राजेश के कतरन में मौजूद है। गांधी जी के असहयोग आंदोलन से जुड़ी शोधपत्र में नील बनाने के प्रोसेस को लेकर गूगल के पास कोई जानकारी नहीं है। लेकिन, कतरनों के माध्यम से राजेश के शोधपत्र इसकी जानकारी है।
शोध के विद्यार्थी और प्रतियोगी मांगते है जानकारी
शोधपत्र से विभिन्न विषय पर शोध कर रहे छात्र मदद लेते हैं। स्थानीय जय प्रकाश विश्विद्यालय में साथ साथ अन्य विश्वविद्यालय में शोध कर रहे छात्र राजेश के घर आकर उनके लाइब्रेरी जानकारी जुटाते हैं। विभिन्न तरह के प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र अक्सर राजेश क् शोधपत्र की मदद लेते हैं।
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