निष्पादन:परिमार्जन पोर्टल जमाबंदी में गड़बड़ियां देखते ही पकड़ लेगा, एक से डेढ़ माह में हो जाएगा निष्पादन

डुमरांव2 वर्ष पहले
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  • जिले में अभी दाखिल-खारिज के एक हजार से अधिक मामले लंबित हैं, मिल रही है गड़बड़ी

दाखिल-खारीज के लंबित मामलों के निष्पादन के लिए सरकार ने परिमार्जन पोर्टल की शुरुआत की है। जिले में अभी दाखिल-खारिज के हजार से अधिक मामले लंबित हैं। परिमार्जन पोर्टल शुरू होने से उनके ऑनलाइन निष्पादन की आस बढ़ी है। बिना दौड़ भाग के लोग अपनी जमाबंदी की त्रुटियां सुधार सकेंगे। जिससे जमीन विवाद के मामले घटने की उम्मीद है। पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता के साथ इसकी मॉनीटरिंग भी आसानी से की जा सकेगी। जमाबंदी में ज्यादा त्रुटि होने के कारण स्थानीय स्तर पर विवाद का सम्भावना ज्यादा रहता था।

वहीं जमाबंदी में दर्ज गड़बड़ी के सुधार की प्रक्रिया आसान और पारदर्शी बनाने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने परिमार्जन पोर्टल विकसित किया है। इस पोर्टल से कोई भी रैयत जमाबंदी में गलितियों का सुधार करा सकते हैं। बक्सर जिला मे भी करीब हजार से भी ज्यादा मामले डिजिटाइज्ड हैं। जिनमें ऑनलाइन सुधार अब आसान हो जाएगा।

इस पोर्टल के जरिए ऑनलाइन दाखिल-खारिज के पूर्व की जमाबंदियों में रैयत का नाम, खाता, खेसरा और रकबा में गलत इंट्री को सुधारा जाएगा। ऑन लाइन दाखिल-खारिज वादों के निष्पादन के बाद खाता, खेसरा, रकबा में गड़बड़ियाें में सुधार के लिए भूमि सुधार उप समाहर्ता के समक्ष अपील दायर करना होगा। दर्ज शिकायतों की जांच और सरकारी रिकार्ड से मिलान के बाद अंचल कार्यालय द्वारा सुधार किया जाएगा।

एक से डेढ़ माह में होगा मामले का निष्पादन
परिमार्जन पोर्टल से जमीन की जमाबंदी के मामलों का निष्पादन एक से डेढ़ महीन के अंदर किया जाएगा। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने इसके लिए पांच प्रकार के फॉर्म जारी किया है। उक्त आवेदन के साथ रैयती को दाखिल-खारिज का आदेश, लगान रसीद, रिविजन या कैडेस्टल नकशा अपलोड करना होगा। आवेदन के साथ एक शपथ पत्र भी देना होगा। फॉर्म जमा करने के बाद आवेदक को एक नंबर मिलेगा।जिसके जरिए मामले ऑन लाइन ट्रैकिंग की जा सकेगी।

कहते है अंचालधिकारी
डुमरांव अंचल के अंचलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि जमाबंदी की गड़बड़ी दूर करने के लिए सरकार ने परिमार्जन पोर्टल शुरू किया है। इसके तहत ऑनलाइन आवेदन कर त्रुटि में सुधार किया जा रहा है। इससे मामले का निष्पादन करने में आसानी हो रही है साथ ही समय का भी बचत हो रहा है।

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