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जल जीवन हरियाली अभियान में जिले में किए गए अच्छे काम का सकारात्मक असर सामने आना लगा है। भूगर्भ जलस्तर को लेकर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ताज़ा रिपोर्ट पिछले कई वर्षों की तुलना में अपेक्षाकृत राहत देने वाली है। जिले के सात प्रखंडों में से दो प्रखंडों को छोड़ कर बाकी प्रखंडों में भूगर्भ जलस्तर में इस साल आशातीत बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष जिले में औसतन एक फीट चार इंच भूगर्भ जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की ताजा रिपोर्ट के अनुसार जिलों में न्यूनतम नौ इंच व अधिकतम सात फीट सात इंच तक जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है। जिले में जहां कुछ वर्ष पहले गर्मियों में पानी की घोर किल्लत होती थी,वहां इस साल भूगर्भीय जलस्तर में सात फीट तक का इजाफा हुआ है।
इस संबंध में पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंद्रभूषण ने बताया कि भूगर्भ जलस्तर में सर्वाधिक बढ़ोतरी सात फिट सात इंच सदर प्रखंड में हुआ है। इस प्रखंड में पिछले फरवरी माह में जलस्तर 27 फिट छः इंच पर था,जो इस वर्ष बढ़कर उन्नीस फिट ग्यारह इंच पर आ गया है। काको प्रखंड में पिछले वर्ष से तीन फीट तीन इंच तक भूगर्भ जलस्तर में इजाफा हुआ है। पिछले वर्ष हाल के दिनों में वहां का जलस्तर 28 फिट पांच इंच नीचे थी, जो बढ़कर पच्चीस फिट दो इंच पर आ गया है।वहीं मोदनगंज प्रखंड में जलस्तर में एक फिट चार इंच का इजाफा हुआ है। पिछले वर्ष हाल के दिनों में वहां जलस्तर 27 फिट एक इंच नीचे था जो बढ़कर पच्चीस फिट नौ इंच पर आ गया है। घोसी प्रखंड में पिछले वर्ष सोलह फिट छः इंच नीचे जलस्तर था जो हाल के दिनों में पंद्रह फिट पांच इंच पर आ गया है।
रतनी व मखदुमपुर प्रखंडों का भूगर्भीय जल स्तर नीचे गया
जिले में सबसे कम मात्र ग्यारह इंच हुलासगंज प्रखंड में भूगर्भ जलस्तर में वृद्धि हुई है। पिछले वर्ष यहां का जलस्तर पन्द्रह फिट तीन इंच पर था जो घटकर चौदह फीट चार इंच पर आ गया है। हालांकि मखदुमपुर प्रखंड में पिछले वर्ष से इस वर्ष एक फीट नौ इंच तथा रतनी फरीदपुर प्रखंड में तीन फीट दो इंच भूगर्भ जलस्तर नीचे गया है,जो चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार के जल-जीवन-हरियाली मिशन, रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजनाओं के प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन के चलते भूगर्भ जलस्तर में इजाफा हुआ है।
जल-जीवन-हरियाली मिशन बिहार की महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिस पर जिले में अच्छा काम हो रहा है। इस योजना के अंतर्गत जल संरक्षण,जलस्रोतों का पुनर्जीवन और हरियाली का दायरा बढ़ाने पर काम किया जा रहा है। इसके साथ ही जल-जीवन-हरियाली मिशन के तहत बहुत सारे कुओं, तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया। इस कारण वाटर टेबल में सुधार हुआ। उन्होंने बताया कि सरकार की योजनाओं के अलावा दूसरी अहम बात ये भी है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल बारिश भी अधिक हुई है।
एक मार्च से होगी चापाकलों की मरम्मति
पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता चंद्रभूषण ने बताया कि जिलाधिकारी नवीन कुमार के निर्देश पर गर्मी की सुगबुगाहट शुरू होने के साथ ही विभाग आम लोगों को पेयजल संकट से निजात दिलाने के लिए कई योजनाओं पर अग्रिम रूप से कार्य प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि जिले के सभी सात प्रखंडों में खराब हैंडपम्प को दुरुस्त करने के लिए संवेदकों का चयन कर लिया गया है। उन्हें एक मार्च से युद्ध स्तर पर हैंडपम्पों को दुरुस्त करने का निर्देश दिया गया है।
इसके साथ ही सभी कनीय अभियंता एवं कर्मियों को विभागीय संसाधनों को चुस्त- दुरूस्त कर अपने क्षेत्र में भ्रमण कर वस्तुस्थिति पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है,ताकि किसी भी क्षेत्र में पेयजल संबंधी समस्याओं का तत्काल समाधान किया जा सके। इसके साथ ही हेल्पलाइन शुरू किया जा रहा है।जिसपर फोन कर जिलेवासी पेयजल या जलापूर्ति संबंधी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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