सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करपी में हमेशा फर्जीवाड़ा और गड़बड़ियां मिलती रहती है। आरटीपीसीआर जांच में जिस प्रकार भारत के प्रधानमंत्री, गृह मंत्री समेत कई राजनीतिज्ञों के नाम पर फर्जी डाटा एंट्री किया गया। इसके अलावा कई फिल्मी हस्तियों के भी नाम आरटी पीसीआर जांच में शामिल किया गया है। यह तो एक बानगी भर है। अगर पूरी गंभीरता से जांच होगी तो कई बड़ी मछलियां भी जांच की जद में आएगी। पूरे मामले में केवल डाटा एंट्री ऑपरेटर को ही बलि का बकरा बनाया गया है।
जबकि इसमें प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी स्वास्थ्य प्रबंधक की भी मिलीभगत से डाटा एंट्री की गई है। डाटा ऑपरेटर ने बताया कि हम लोगों को डाटा एंट्री के लिए टारगेट दिया जाता था। जो हर हाल में पूर्ण करना होता था। तो फर्जी तरीके से डाटा एंट्री करके उसे पूरा किया जाता था। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हाल ही में बंध्याकरण के दौरान झोलाछाप डॉक्टर के द्वारा ऑपरेशन किया गया था। जिसका वीडियो वायरल हुआ था। जिसकी अभी जांच चल ही रही थी कि एक नया फर्जीवाड़े का मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में आ गया।
कई वर्षों से जमे हैं स्वास्थ्य केंद्र में कई कर्मी
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ्य प्रबंधक अखिलेश कुमार वर्मा 2014 से ही लगातार इसी अस्पताल में बने हुए हैं। बीच-बीच में इनका ट्रांसफर जिले के विभिन्न अस्पतालों में होता रहता है।लेकिन पुन: करपी में ही पदस्थापित हो जाते हैं। बताया जता है कि पैरवी के दम पर करपी में बने हुए हैं।सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक साल के अंदर कई प्रभारी बदले गए। ऐसे में अक्सर खबर निकल कर आती रहती है कि अस्पताल में काफी गुटबाजी हो रही है। जिसके कारण अक्सर प्रभारी का बदलाव होते रहता है।
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