जहानाबाद के सिकरिया गांव में 2014 में पूर्व CM जीतन राम मांझी ने थाने के भवन का उद्घाटन किया था। लेकिन 7 साल बीत जाने के बाद भी थाने का संचालन नहीं किया गया। करोड़ों की लागत से बना भवन शोभा की वस्तु बन कर रह गई है। जब सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा इस भवन में थाना नहीं खोला गया तो इस गांव के लोग अपनी कृषि कार्य के लिए इस भवन का उपयोग करने लगे।
भवन के बरामदे में गांव के ही कुछ लोग धान के बोक्षा एवं पुआल रखते हैं। बता दें कि एक जमाने में जहानाबाद जब नक्सलियों का गढ़ माना जाता था, उस समय यह गांव नक्सलियों का सबसे बड़ा क्षेत्र माना जाता था। इस क्षेत्र में नक्सलियों का तांडव था। दिनदहाड़े नक्सली हथियार के साथ इलाके में घूमते थे। लेकिन जब नीतीश सरकार बनी तो इस इलाके को नक्सलियों से मुक्ति के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत अस्पताल, बैंक, पोस्ट ऑफिस बिजली पावर ग्रिड, बाजार समिति इत्यादि का निर्माण कराया गया। उसी समय थाना के भवन के निर्माण की स्वीकृति दी गई थी।
भवन तो बनकर तैयार हो गया। साथ ही बड़े तामझाम के साथ तत्कालीन CM जीतन राम मांझी ने इसका उद्घाटन भी किया। लेकिन उद्घाटन के बाद इसमें लगा हुआ ताला अभी तक नहीं खुला। ग्रामीणों का कहना है कि जिस ठेकेदार द्वारा इस भवन को बनवाया गया। वहीं उस गांव के लोगों के अलावे आसपास के ग्रामीण भी इस भवन को कृषि कार्य में उपयोग कर रहे हैं। अंदर के कमरों में कबाड़ जमा हुआ है।
इस संबंध में ग्रामीण कहते हैं कि- हम लोग 7 साल से इस भवन में थाना खुलने का इंतजार कर रहे हैं। थाना का भवन भी धीरे-धीरे जर्जर हो रहा है। लगता है कि थाना खुले बिना ही भवन गिर जाएगा। लेकिन जिस उद्देश्य से इसका निर्माण कराया गया वह मकसद नहीं पूरा हो सकेगा।
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