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नये कृषि कानून के खिलाफ किसानों का विरोध अब चक्का जाम तक पहुंच गया है। शनिवार को राष्ट्रीय किसान मोर्चा के आह्वान पर डुमरांव-विक्रमगंज हाईवे स्थित अमीरपुर मोड़ के पास किसान मजदूरों ने चक्का जाम किया। इस दौरान वे सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी भी किया। साथ ही नये कृषि कानून व श्रम संबोधन कानून को रद्द करने की मांग कर रहे थे।
लगभग तीन घंटे चक्का जाम से सड़क के दोनों तरफ दो किलोमीटर में वाहनों की कतार लग गई थी। चक्का जाम के दौरान वक्ताओं ने कहा कि नये कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन सिर्फ किसानों का ही नहीं बल्कि सभी का है। कहा कि दिल्ली में उनके किसान भाई अपनी जान को खतरे में डालकर दिन-रात सरकार को कृषि कानूनों की लागू करने की गलती का अहसास कराने के लिए डटे हुए हैं।
वहीं सरकार किसानों की बात सुनने को तैयार नहीं। उन्होंने कहा कि उनका नये कृषि कानून की वापस लेने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा, चाहे इसके लिए कितनी भी किसानों को शहीद होना पड़े। चक्का जाम की अध्यक्षता यादव संतोष कुमार नागवंशी व संचालन गोरखनाथ पासवान ने किया। मौके पर सरोज कुमार, पूर्व मुखिया शिवनारायण सिंह, संजय यादव, हरेंद्र राम, भारतीय बेरोजगार मोर्चा संयोजक संतोष यादव समेत अन्य थे।
वहीं सोनवर्षा में माले कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में देश व्यापी चक्का जाम के आह्वान पर एन एच 30 मार्ग पर उतरे। इसके पूर्व कार्यकर्ताओं ने सोनवर्षा बाजार में फ्लैग मार्च किया। तीन घंटे चक्का जाम में कार्यकर्ताओं ने सरकार के नये कृषि कानून को लेकर जमकर आलोचना किया। अध्यक्षता पूर्व मुखिया रामदेव सिंह व संचालन प्रखंड सचिव हरेन्द्र राम ने किया। मौके पर सुरेश प्रसाद, अयोध्या सिंह, राजबिहारी पासवान समेत अन्य थे।
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