कोरोना संक्रमण खतरनाक रफ्तार से बढ़ रहा है, लेकिन रेलवे स्टेशनों पर कोरोना जांच की व्यवस्था लचर है। पटना जंक्शन पर पहले की तरह ही गेट नंबर तीन के पास दो काउंटर हैं। एक काउंटर पर कोरोना जांच और दूसरे पर वैक्सीनेशन हो रहा है। यात्री ट्रेन से उतरते और आराम से बाहर निकल जाते हैं। कोई रोक-टोक करने वाला नहीं। पता चला कि पिछले कुछ दिन से पुलिस को हटा लिया गया है।
इसलिए जांच के लिए यात्रियों के साथ सख्ती नहीं हो रही है। जो अपनी मर्जी से आते हैं, उन्हीं की जांच हो रही है। एक हफ्ते से हर दिन 200 से 250 यात्रियों की ही जांच हो रही है। इतने कम यात्रियों में से भी 20 से 25 पॉजिटिव निकल रहे हैं। जबकि हर दिन पटना जंक्शन पर करीब सवा से डेढ़ लाख यात्रियों का आना जाना होता है।
जांच काउंटर पर तैनात एक स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि पहले यात्रियों से सख्ती के लिए चार-एक की पुलिस तैनात रहती थी। तब हर दिन एक हजार से अधिक यात्रियों की जांच होती थी। तीन शिफ्ट में काम हो रहा है। सुबह 6 बजे से दिन के 2 बजे तक, उसके बाद 2 से रात 10 बजे तक और रात 10 से सुबह 6 बजे तक अलग-अलग स्वाथ्यकर्मी जांच करते हैं। अधिकांश यात्री जांच कराने के डर से एक नंबर, दो नंबर और चार नंबर गेट से बाहर निकल जाते है़। जो तीन नंबर गेट पर आते वे भी कट के बाहर निकल जा रहे थे।
पुलिस को हटा लेने से जांच टीम भी मजबूर
रोकने पर कहते हैं-वैक्सीन लगवा चुके हैं
एक महिला स्वास्थ्यकर्मी ने बताया कि यात्रियों को जांच के लिए बुलाते हैं तो कहते हैं-वैक्सीन लगवा ली है। अप्रैल-मई में 8 काउंटर थे, अभी मात्र एक है। पहले हमेशा 20 से अधिक स्टाफ रहते थे, अभी हर शिफ्ट में चार स्टाफ ही रहते हैं। सुबह 6 बजे से 2 बजे तक, फिर 2 बजे से 10 बजे रात तक और रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक का शिफ्ट चलता है। पहले सारे गेट बंद कर तीन नंबर गेट से यात्रियों को लाइन लगाकर जांच के बाद बाहर निकाला जाता था। स्टेशनों पर यात्रियों की कोरोना जांच राज्य सरकार कर रही है।
बांकीपुर बस डिपो और आईएसबीटी में भारी भीड़, मगर नहीं हो रही जांच
बांकीपुर बस डिपो और बैरिया बस टर्मिनल में दूसरे राज्यों से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच नहीं की जा रही है। दिल्ली, वाराणसी, रांची सहित अन्य बड़े शहरों से हर दिन 200 से अधिक बसें पटना आती हैं। इसमें हर दिन 10 हजार से अधिक यात्रियों का आना-जाना लगा रहता है। इसके बावजूद भी कोरोना की जांच करने के लिए बस स्टैंड में कोई व्यवस्था नहीं है। वहीं जहाज और ट्रेन से आने वाले यात्रियों को जांच की जा रही है। लेकिन बस से आने वाले यात्रियों को को बिना रोक-टोक को छोड़ दिया जा रहा है। वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी के मुताबिक पिछले बार लॉक डाउन में स्वास्थ्य विभाग की तरफ से कोरोना जांच करने के लिए डॉक्टर की टीम थी। लेकिन इस बार अभी तक कोई जांच की सुविधा नहीं दी गई है।
बैरिया स्थित पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से प्रदेश के विभिन्न जिलों और अन्य राज्यों से आने वाली बसों में कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा है। यात्री बिना मास्क के बस में सफर कर रहे हैं। बस कंडक्टर और ड्राइवर भी यात्रियों को फेस मास्क पहनने के लिए जागरूक नहीं कर रहे हैं। बस की सीटों को सेनेटाइज भी नहीं किया जा रहा है।
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