बिहार में 5 अप्रैल 2016 को शराबबंदी हुई। तब से अब तक 125 लोगों की मौत शराब पीने से हो चुकी है। यह जहरीली शराब बताई जा रही है। इनमें 2016 से 2020 तक 35 लोगों की मौत हुई। अब बीते 48 घंटों में 23 लोगों की मौत हो चुकी है। गोपालगंज में 13 लोगों की मौत हो गई। वहीं, बेतिया में 10 लोगों की मौत हो गई। गोपालगंज और बेतिया में 7-7 लोगों की हालत गंभीर है। गोपालगंज में गंभीर लोगों में 3 की आंखों की रोशनी चली गई है।
इस साल अब तक 90 लोगों की मौत हो चुकी है। ये आंकड़े दर्शाते हैं कि शराबबंदी की सूबे में क्या स्थिति है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पंचायत चुनाव के नाम पर डिमांड बढ़ी। कलर और स्प्रिट इसकी मात्रा बढ़ा दी गई। विदेशी शराब बताकर पिलाने के कारण ये हादसे हो रहे हैं।
ऐसे तैयार हो रही जहरीली शराब
अस्पताल और नर्सिंग होम में उपयोग होने वाले सर्जिकल स्प्रिट से जहरीली शराब बनाई जा सकती है। आमतौर पर अस्पतालों में उपयोग होने वाले सर्जिकल स्प्रिट में 95% इथेनॉल होता है। इस स्प्रिट में मिलाया महज 5 फीसदी डी-नेचर्ड (अप्राकृतिक) अल्कोहल जीवन के लिए जहर है। देसी शराब में दरअसल इथाइल अल्कोहल का इस्तेमाल होता है। इसका रासायनिक फॉर्मूला C2 H50H है। सर्जिकल स्प्रिट जिसमें इथेनॉल का उपयोग होता है। इसका भी रासायनिक फॉर्मूला C2 H50H ही है। रसायन का एक ही फॉर्मूला होने के बावजूद सर्जिकल स्प्रिट में 5% डी-नेचर्ड स्प्रिट जहर है। मानव के लिए यह बाहरी उपयोग में आ सकता है, लेकिन इसका प्रयोग पीने के लिए नहीं किया जा सकता है।
2016 में खजूरबनी शराबकांड में 9 को मिली थी फांसी, 4 को उम्रकैद
2016 से अब तक सिर्फ गोपालगंज में 36 लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात सामने आ रही है। इसमें इस साल के 17 लोग शामिल है। इससे पहले 2016 में 19 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई थी। इसकी पुष्टि कोर्ट में हो गई थी। मामले में 5 मार्च 2021 को उत्पाद के स्पेशल कोर्ट ने 13 लोगों को सजा भी सुना दी। पहली बार शराबकांड में 9 को फांसी दी गई, जबकि 4 को उम्रकैद मिली। 15-16 अगस्त 2016 को खजूरबानी में यह हादसा हुआ था।
उत्पाद स्पेशल कोर्ट सह ADJ-2 लवकुश कुमार की अदालत ने आरोपियों को सजा सुनाई थी। फांसी की सजा पाने वालों में गोपालगंज नगर थाने के खजूरबानी के रहने वाले छठू पासी, कन्हैया पासी, नगीना पासी, लालबाबू पासी, राजेश पासी, सनोज पासी, संजय चौधरी, रंजय चौधरी और मुन्ना चौधरी शामिल थे। जबकि उम्रकैद की सजा पाने वाली महिलाओं में लालझरी देवी, कैलासो देवी, रिता देवी और इंदू देवी शामिल थीं।
जहरीली शराब का ऐसे पता लगाया जा सकता है
डि-नेचर्ड स्प्रिट की जांच के लिए नई तकनीक का उपयोग होता है। नई तकनीक में कोमोट्राफी एसिड मेथड से मिथाइल अलकोहल की जांच हो सकेगी। दूसरा मेथड डाइनाइट्रो फिनाइल हाईड्रोजन सॉल्यूशन है, जिससे डिनेचर्ड स्प्रिट का पता चलेगा।
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