पटना में अतिक्रमण हटाने पुलिस पर हमला हुआ है। इसमें कई पुलिस वाले बुरी तरह जख्मी हुए हैं। सिटी एसपी अमरीश राहुल भी इस हमले में घायल हुए हैं। दरअसल, पुलिस राजीव नगर में अतिक्रमण हटाने पहुंची थी। इसके लिए 17 जेसीबी को लगाया गया है।
स्थानीय लोगों के विरोध के बाद भी पुलिस की कार्रवाई नहीं रुक रही है। पुलिस मकानों को ध्वस्त कर रही है। लोग अपने घरों की छत से दूसरे घरों को टूटते हुए देखे रहे। मौके पर पटना डीएम भी पहुंचे।
पोल में हिस्सा लेकर अपनी राय दीजिए...
जिला प्रशासन ने बताया कि शाम तक 40 एकड़ जमीन को अपने प्रशासन ने अपने कब्जे में ले लिया। जिसमें 95 घर और इसके खड़े किए गए संरचनाओं को तोड़ दिया गया। इसमें 75 संरचनाओं को पूरी तरह से व 20 संरचनाओं को आंशिक रूप से तोड़ा गया। 5 ऐसे घर थे, जिसमें लोग रह रहे थे, इन्हें खाली करने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है। जिला प्रशासन का दावा है कि अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शांतिपूर्ण रही। कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। करीब 500 पुलिस फोर्स को इसके लिए प्रतिनियुक्त किया गया था।
हालात फिलहाल काबू में हैं: DM
पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि कार्रवाई जारी रहेगी। किसी कीमत पर जमीन को हम लोग अपने कब्जे में लेकर रहेंगे। डीएम ने बताया कि हमले में दो जवान और सीटी एसपी घायल हो गए हैं। 12 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया है। वीडियो और सीसीटीवी फुटेज से बाकी उपद्रवियों की पहचान की जा रही है। डीएम ने कहा कि फिलहाल सिचुएशन पूरी तरह से कंट्रोल में है। काम अच्छे से हो रहा है। डीएम ने कहा कि लोगों को पहले ही जानकारी दे दी गई थी, लेकिन ये लोग नहीं माने।
हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बने घर अवैध- प्रशासन
राजीव नगर थाना के नेपाली नगर इलाके में पुलिस अवैध तरीके से बने मकानों को तोड़ने के लिए पहुंची। पुलिस का कहना है कि ये सभी घर हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बनाए गए है। जो अवैध है। हमने पहले ही सभी संबंधित लोगों को नोटिस भेज दिया था। घर खाली करने का निर्देश दिया गया था।
निगम को हर महीने देते हैं टैक्स तो घर अवैध कैसे- स्थानीय
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हम हर महीने नगर निगम को टैक्स देते है। ऐसे में हमारा मकान अवैध कैसे हुआ। हम बिजली, पानी कनेक्शन से लेकर सभी सरकारी सुविधाएं लेते हैं, तब हमारा मकान अवैध कैसे हो गया। लेकिन प्रशासन हमसे बात ही नहीं कर रहा और हमारे मकान को अवैध बताकर उसे तोड़ रहा है। हमने अपने मकान में जीवन भर की पूंजी लगा दी थी। ऐसे में प्रशासन के इस कदम ने हमें सड़क पर लाकर छोड़ दिया है।
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