सरकार राज्य के सभी भूमिहीनों को घर बनाने के लिए जमीन (वासभूमि) इस साल ही दे देगी। यही नहीं जिन भूमिहीनों को जमीन दे दी गई और उनका परिवार बढ़ा गया है तो वैसे लोगों का विशेष सर्वेक्षण कराकर उन्हें भी वासभूमि दी जाएगी।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक मेहता ने विधानसभा में मंगलवार को राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की अनुदान की मांगों पर हुए वाद-विवाद के बाद सरकार की तरफ से जवाब देते हुए ये घोषणा की।
उन्होंने कहा कि एक भी भूमिहीन परिवार नहीं रहेगा। विभाग के अधिकारियों को एमपी-एमएलए-एमएलसी विकास योजनाओं के लिए जमीन संबंधी एनओसी शीघ्रता से देने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 तक राज्य में जमीन का विशेष सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया जाएगा। विपक्ष के वॉकआउट के बीच 1548.50 करोड़ के राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की अनुदान की मांगों को पास कर दिया गया।
भूमिहीन परिवार नहीं रहेगा बिहार में
मंत्री ने बताया कि अभी भी राज्य में 21 हजार 819 भूमिहीन परिवार राज्य में हैं। इसमें अत्यंत पिछड़ा वर्ग के 3733, पिछड़ा वर्ग के 2264, अनुसूचित जाति के 3598, महादलित वर्ग के 11112 और अनुसूचित जनजाति वर्ग के 1112 परिवार शामिल हैं।
534 अंचलों के 4.12 करोड़ जमाबंदी डिजिटाइज्ड
मंत्री ने कहा कि राज्य में सभी 534 अंचलों के 4.12 करोड़ जमाबंदी को डिजिटाइज्ड कर दिया गया है। सभी अंचलों में ऑनलाइन म्यूटेशन किया जा रहा है। आसानी से काम हो, इसके लिये अब पहले आओ पहले पाओ व्यवस्था लागू की गई है। अब तक 91.41 लाख ऑनलाइन म्यूटेशन किया जा चुका है।
राज्य के 21 जिलों गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, किशनगंज, अररिया, कटिहार, भागलपुर, मधेपुरा, जमुई, मुजफ्फरपुर, भोजपुर, बक्सर, रोहतास, नालंदा, लखीसराय, कैमूर, जहानाबाद, नवादा, शिवहर, गया और पूर्णिया के सभी जमीन के अपडेट डाटा विभाग के वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। बचे 17 जिलों के भी जमीन के डाटा अपडेशन का काम चल रहा है।
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