सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी है। पटना के MP-MLA कोर्ट द्वारा जारी किए गए वारंट को एक महीने का वक्त हो गया। फिर भी पुलिस उन पर मेहरबान है। जब मामले पर ADG से सवाल किया गया तो उन्होंने भी गोलमटोल जवाब दे दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इस खास वारंट के बारे में पता नहीं है।
MP-MLA कोर्ट ने 29 अगस्त को ही कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट को जारी किया था। मगर, पुलिस है कि अब तक कार्रवाई नहीं की गई। बिहार में सरकार जदयू की है। उपेंद्र कुशवाहा सत्तारूढ़ इस पार्टी के कद्दावर नेता और ससंदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं। ऐसे में गिरफ्तारी के लिए हाथ डालने से पुलिस भी बच रही है। 29 सितंबर को भास्कर ने अपनी खबर के जरिए मामले प्रकाशित किया था।
भास्कर के सीधे सवाल का दिया गोलमोल जवाब
शुक्रवार को बिहार पुलिस मुख्यालय में ADG (मुख्यालय) जितेंद्र सिंह गंगवार की प्रेस कान्फ्रेंस थी। भास्कर ने सीधा सवाल उनसे पूछा था कि 29 अगस्त को ही MP-MLA कोर्ट ने जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा के खिलाफ गैर जमानतिय वारंट जारी किया था, अब तक पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की है?
सवाल के जवाब में ADG ने कहा कि आपने किसी खास वारंट की चर्चा मुझे से की है। किसी खास व्यक्ति के खास वारंट के बारे में मेरे पास कोई जानकारी नहीं है। मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यायालय के आदेशानुसार वारंट की जो तिथि है, वारंट का जो प्रकार है, उसके अनुसार इसका तामिला किया जाएगा। पुलिस हमेशा से न्यायालय के आदेशों का पालन करती रहती है और आदेशों का पालन किया जाएगा।
ऐसे में सवाल ये है कि जदयू नेता उपेंद्र कुशवाहा का क्या होगा? क्या पुलिस इन्हें गिरफ्तार करेगी? क्या कोर्ट ने जो गैर जमानतिय वारंट जारी किया, उसका तामिला होगा? यह मामला पटना के कोतवाली थाना से जुड़ा है। केस फरवरी 2019 का है। तब राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के उपेंद्र कुशवाहा राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। अपनी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर उन्होंने डाक बंगला चौराहा को जाम किया था। इसी मामले में उनके उपर सरकारी काम में बाधा डालने के साथ ही IPC के कई धाराओं में केस दर्ज किया गया था।
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