कोरोना के बाद अब मौसमी बीमारी नई टेंशन लेकर आई है। अचानक से मरीजों की संख्या बढ़ गई है। इसमें बुखार और पेट दर्द के साथ उल्टी दस्त के मामले अधिक हैं। पटना के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में पिछले 5 दिनों में 15 हजार से अधिक मरीज OPD में आए हैं। इसमें सबसे अधिक संख्या बच्चों की है। मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल की OPD में आने वालों में 60% बच्चे हैं। बच्चों में मौसमी बीमारी के मामले बढ़े हैं, डॉक्टरों का कहना है मौसम का बदलाव बीमारी बढ़ाने वाला है।
बच्चों और बीमारी लोगों को खतरा
बच्चों और बीमारी लोगों में बीमारी का खतरा बढ़ा है। 10 साल से कम उम्र के बच्चों में मौसम का असर अधिक दिख रहा है। इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ मनीष मंडल का कहना है कि मौसम के परिवर्तन के बाद बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। दिन में तेज धूप हो रही है और रात के साथ सुबह शाम ठंड पड़ रही है। इस मौसमी कारणों से ही संक्रमण का खतरा बढ़ता है। दिन में धूप के कारण से लोग गर्म कपड़ों का इस्तेमाल कम करते हैं और फिर ठंड गर्म का कॉम्बिनेशन बीमार बना देता है। पटना मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर व पटना के प्रमुख बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सुमन का कहना है कि बच्चों में बीमारी मौसम के कारण बढ़ गई है। ओपीडी में अचानक से बच्चों की संख्या बढ़ी है।
बच्चों की ओपीडी में 60% बढ़ोतरी
पटना में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों की ओपीडी में कुल मरीजों की संख्या में 60 प्रतिशत बच्चे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ सुमन का कहना है कि बच्चों की ओपीडी में आने का सिलसिला तेजी से बढ़ा है। बच्चों में बीमारी के मामले को लेकर डॉ सुमन का कहना है कि नवजात से लेकर 5 साल तक के बच्चों में बीमारी अधिक देखने को मिल रही है। बच्चों में उल्टी दस्त के साथ बुखार की समस्या है। पांच साल से अधिक उम्र वाले बच्चों में भी सर्दी के साथ बुखार की समस्या आ रही है। डॉ सुमन का कहना है कि बच्चों की बीमारी का एक प्रमुख कारण मौसम में बदलाव को लेकर है।
आर्थो विभाग में भी बढ़ी मरीजों की भीड़
तेज धूप के बीच पछुआ हवा के प्रभाव से आर्थो के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है। पटना मेडिकल कॉलेज में एक दिन की ओपीडी में 200 से 250 मरीज आर्थो में आ रहे हैं। मरीजों में घुटना और जोड़ों के दर्द के मामले आ रहे हैं। डॉ राणा एसपी सिंह का कहना है कि कोरोना के बाद घुटना के साथ जोड़ों के दर्द के मामले तेजी से बढ़े हैं। पटना मेडिकल कॉलेज को लेकर इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान और नालंदा मेडिकल कॉलेज के साथ अन्य सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में 50 प्लस वाले मरीजों की संख्या में अधिकतर जिन्हें हड्डी व जोड़ों में दर्द की शिकायत है। आर्थो सर्जन डॉ रमित गुंजन का कहना है कि हवाएं हडि्डयों में समस्या बढ़ जाती है। इस समय ऐसे ही मौसम है जिससे ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ी है।
हवाएं ऐसे कर रही हैं सेहत पर असर
पछुआ एवं उत्तर पछुआ हवा का प्रवाह राज्य में हो रहा है। इस कारण से मौसम शुष्क बना हुआ है। धूप तो तेज हो रही है लेकिन पछुआ हवा के कारण हवा में नमी है। इस कारण से रात के साथ सुबह और शाम में ठंड बढ़ रही है। राज्य में 8 से 10 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवा के कारण बीमारी का खतरा है, क्योंकि हवा के कारण ही ठंड का थोड़ा एहसास हो रहा है। मौसम विभाग ने भी ऐसे मौसम को सेहत के लिए खतरनाक बताया है। मौसम विभाग का कहना है कि लोगों को इस मौसम में बचाव करना पड़ेगा, नहीं तो बच्चों और बड़ों में बीमारी का खतरा बढ़ जाएगा।
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