पटना AIIMS ने कोरोना की लड़ाई के लिए एक ऐसा कांसेप्ट लाया है, जिससे इकोनॉमी का नुकसान किए बिना विजय पाया जा सकता है। कोरोना का संक्रमण जिस तरह से कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है। इसमें यह कॉन्सेप्ट चलाकर कोरोना की तीसरी लड़ाई और आसान की जा सकती है। ट्रामा इमरजेंसी के HOD डॉ अनिल कुमार ने दैनिक भास्कर से अपने नए कॉन्सेप्ट का खुलासा करते हुए कहा कि कोरोना से लड़ाई में इकोनॉमी को बचाना बड़ी चुनौती है और इसी को लेकर ऐसी व्यवस्था बनाई गई है।
जानिए, क्या है कोरोना से लड़ाई का नया कॉन्सेप्ट
डॉ अनिल कुमार ने बताया कि कोरोना की तीसरी लड़ाई के लिए B4 आइसोलेशन और यूथ पार्टिसिपेशन से लड़ाई लड़ने का वह कॉन्सेप्ट तैयार किया है। इसमें दोनों एंगल पर काम किया गया है। एक तरफ लोगों को कोरोना से कैसे बचाया जाए और दूसरी तरफ समाज और देश में काम बाधित नहीं हो, इसके लिए भी प्लान बनाया गया है।
उनका कहना है कि तीसरी लहर में बहुत सारे लोग संक्रमित हो रहे हैं। संक्रमित होने की दर भी काफी तेजी से बढ़ रही है। अब तक 25 से 26 प्रतिशत तक संक्रमण दर पहुंच चुकी है। कम्युनिटी स्प्रेड के कारण अगर इसकी दर बढ़ती है तो हालात और भी बेकाबू हो जाएंगे। हर चौथा इंसान जो जांच करा रहा है, वह कोरोना से संक्रमित है। ऐसे में अगर हम सोशल डिस्टेंस और आइसोलेशन की बात सब लोगों के लिए करें तो जो बीमार संक्रमित हैं, उनकी देखभाल कौन करेगा। ऐसी परिस्थिति में ही कांसेप्ट बनाया गया है। B4 आइसोलेशन एंड यूथ पार्टिसिपेन का फार्मूला ही कोरोना के तीसरी लहर की लड़ाई में इकोनॉमी भी प्रभावित होता है।
दो तरह से करना होगा काम
इसमें दो तरह से काम करना होगा। एक तरफ B4 आइसोलेशन और दूसरी तरफ यूथ पार्टिसिपेशन का है। B4 आइसोलेशन के कॉन्सेप्ट में बूढ़ा, बच्चा, बीमार, और बिना वैक्सीनेशन वाले जो भी लोग हैं, तीसरी लहर में पूरी तरह से सावधान हो जाएं। वह पूरी तरह से अलर्ट रहें। वह आइसोलेट रहें और सुरक्षित रहें भीड़ भाड़ में नहीं जाएं। इतना ही नहीं वैक्सीन की जब भी शेड्यूल है, टीका जरूर ले लें।
इनके लिए आइसोलेशन
यूथ पार्टिसिपेशन
डॉक्टर अनिल का कहना है कि जो यूथ पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं। वह बढ़ चढ़कर अपने परिवार के लिए, अपने समाज के लिए, अपने राज्य व देश के लिए काम करें। वह बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें, ताकि देश की इकोनॉमी भी नहीं प्रभावित हो और परिवार के साथ समाज व देश का भी काम होता रहे।
बी 4 कॉन्सेप्ट पर और यूथ पार्टिसिपेशन से हम कोरोना की तीसरी लड़ाई पर विजय प्राप्त कर सकते हैं। इससे लड़ाई भी आसान होगी और राजस्व का भी नुकसान नहीं होगा। बच्चा और बुजुर्गों को बचाना बड़ी चुनौती है। अगर इस नए कांसेप्ट पर काम किया जाए तो यह चुनौती आसान हो जाएगी। ओमिक्रॉन बच्चे और बुढ़ों के लिए तीसरी लहर में यही संदेश लेकर आया है।
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