बिहार भाजपा संगठन का कार्यकाल सितंबर में समाप्त हो गया है। प्रदेश के साथ ही देश के विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनाव के कारण बिहार संगठन में फेरबदल को रोका गया है। गुजरात और हिमाचलप्रदेश में चुनाव के रिजल्ट के बाद भाजपा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महामंत्री सहित 150 पदों पर नए चेहरे दिखाई देंगे। अध्यक्ष पद के लिए आधे दर्जन नेता दिल्ली तक लगातार दौड़ लगा रहे हैं। लेकिन, किसी का नाम पर सहमति नहीं बन रही है।
हालांकि, कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव के परिणाम आने के बाद ही अध्यक्ष पद के लिए चुने जाने वाले नेता की तस्वीर साफ होने के आसार है। लेकिन भाजपा मुख्यालय में कई नेता डॉ. संजय जायसवाल के कार्यकाल बढ़ने का भी अनुमान लगा रहे हैं। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि सत्ता परिवर्तन के बाद डॉ. संजय जायसवाल, विजय कुमार सिन्हा, सुशील मोदी, सम्राट चौधरी ने मोर्चा संभाला है। इनके बयानों से महागठबंधन के नेता कई बार असहज दिखते हैं। ऐसे में 2023 के अंत तक अध्यक्ष के कुर्सी पर कोई परिवर्तन नहीं होगा।
अध्यक्ष सहित 150 पदों पर आएंगे नए चेहरे
बिहार में भाजपा अध्यक्ष डॉ. संजय जायसवाल का कार्यकाल 8 सितंबर को समाप्त हो गया है। लेकिन, सीमांचल में 23 और 24 सितंबर को गृह मंत्री अमित शाह का कार्यक्रम था। इसकी वजह से अक्टूबर तक चुनाव की तिथि आगे बढ़ा दी गई। लेकिन 11 अक्टूबर को जेपी की जन्मस्थली सिताबदियरा में अमित शाह के साथ ही उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्य नाथ के कार्यक्रम की वजह से तिथि 15 अक्टूबर तक आगे बढ़ा दी गई। उसके बाद मोकामा और गोपालगंज में चुनाव को लेकर संगठन में फेरबदल करने से रोक दिया गया। इसकी वजह से तीन बार चुनाव की तिथि आगे बढ़ाई गई है।
कुढ़नी के रिजल्ट का संगठन पर दिखेगा असर
कुढ़नी में विधानसभा उपचुनाव के रिजल्ट का असर भाजपा के संगठन पर भी दिखेगा। कुढ़नी सीट भाजपा और जदयू के प्रतिष्ठा का विषय बना हुआ है। 2015 के बाद एक बार फिर से भाजपा मनोज कुशवाहा को चुनाव में हराने की तैयारी कर ली है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक यदि कुढ़नी महागठबंधन चुनाव हार जाती है, तो 2023 के अंत तक संगठन में फेरबदल की कम संभावना है। लेकिन, यदि कुढ़नी में भाजपा हार जाती है, तो जनवरी तक संगठन में फेरबदल हो जाएगा।
पिछड़ा नेता बनेगा अघ्यक्ष
भाजपा के कोर कमेटी की बैठक में विधानसभा, विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के लिए सवर्ण, पिछड़ा और ओबीसी नेताओं का चुनाव करना था। विधानसभा के प्रतिपक्ष नेता के रुप में विजय कुमार सिन्हा सवर्ण और विधान परिषद में सम्राट चौधरी ओबीसी से आते हैं। ऐसे में भाजपा अध्यक्ष के रुप पिछड़ा जाति के नेता का चुनाव होने के आसार है। इसमें सबसे प्रमुख नाम मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद, दीघा विधायक संजीव चौरसिया, पूर्व खान और भूतत्व मंत्री जनक राम, पाटलिपुत्र के सांसद राम कृपाल यादव, राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी के लेकर भी सहमति बन रही है।
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