केंद्र सरकार के जो दफ्तर जिस राज्य में हों, कोरोना जैसी विषम परिस्थितियों में उसे राज्य सरकार का निर्देश ही मानना पड़ता है। लेकिन, सोमवार को भास्कर टीम जब कोरोना को लेकर 33% हाजिरी की स्थिति देखने निकली तो ऑफिस घुसते समय ज्यादातर कर्मियों ने कहा कि उन्हें रोस्टर ड्यूटी की जानकारी नहीं है। बैंक-डाक जैसी अनिवार्य सेवाओं को छोड़ टैक्स, इंश्योरेंस आदि के दफ्तरों में सोमवार को रोस्टर बनाने पर ही माथापच्ची होती रही। अपने दफ्तर में कोरोना केस निकलने पर CAG ने 50% हाजिरी का रोस्टर पिछले हफ्ते लागू किया था, जबकि अबतक जनरल इंश्योरेंस में ओरिएंटल ने 12 अप्रैल से रोस्टर जारी किया है।
सेंट्रल एक्साइज ऑफिस में भी अभी रोस्टर लागू नहीं
इनकम टैक्स चौराहा स्थित सेंट्रल एक्साइज ऑफिस में सुबह 11 बजे आम दिनों की तरह ही कर्मचारी आते दिखे। पूछने पर कर्मियों ने बताया कि अभी हमलोगों को रोस्टर के हिसाब से आने की कोई चिट्ठी जारी नहीं की गई है। यहां अब भी 70 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति रह रही है।
BSNL और GPO का हाल
अनिवार्य सेवा की श्रेणी में होने के कारण दूरसंचार और डाक सेवाओं पर 33% उपस्थिति वाला नियम लागू नहीं है। सोमवार की सुबह 11 बजे जब भास्कर की टीम पहुंची तो आम दिनों की तरह ही यहां के कर्मचरी ड्यूटी पर आए थे। हालांकि बिहार में जिस तेजी से कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है, उसे देखते हुए यहां भी कई कर्मचारी डरे हुए दिखे। अनिवार्य सेवा होने के कारण ड्यूटी पर आने की मजबूरी है। हालांकि इनमें से कई 33% प्रतिशत उपस्थिति के साथ ही ऑफिस में काम कराने की बात करते दिखे।
CAG ऑफिस में संक्रमण के मामले के कारण सख्ती
CAG ऑफिस पटना में बताया गया कि वहां कोरोना पॉजिटिव मामले आने पर कर्मचरियों की छुट्टी कर दी गई। सोमवार को वहां रोस्टर के हिसाब से 33% स्टाफ ही ड्यूटी पर आए। यहां राज्य सरकार के जारी निर्देश का पालन होते दिखा। सुबह 11 बजे रोस्टर के हिसाब से ही कर्मचरी काम पर आए थे।
हाईकोर्ट में वर्चुअल हो रहा काम
कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए हाईकोर्ट में वर्चुअल काम हो रहा है। राज्य में बढ़ते कोरोना के मामले को देखते हुए कोर्ट में भीड़-भाड़ न लगे, इसलिए पहले से ही पूरी सतर्कता बरत दी गई है। हाईकोर्ट में आम दिनों की तुलना में भीड़ एकदम कम हो गई है।
सरकारी कार्यालयों के लिए लागू होने हैं ये नियम
कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बिहार के सभी सरकारी कार्यालयों में उप सचिव और उनके समकक्ष अधिकारी 100% क्षमता के साथ आ सकेंगे, लेकिन उनके अधीनस्थ कर्मचारी 33% क्षमता के साथ ही आएंगे। मतलब एक कर्मचारी को हर तीसरे दिन ऑफिस आना है। बिहार में मौजूद केंद्र सरकार के भी सभी कार्यालय इस दायरे में आएंगे। केंद्र सरकार के सभी दफ्तरों में बिहार सरकार की गाइडलाइन को ही फॉलो करना है। इसकी वजह यह है कि नियमत: जिस स्टेट में दफ्तर होता है, उस सरकार के गृह विभाग की तरफ से जो गाइडलाइन जारी की जाती है, पंडेमिक में उसे ही फॉलो करना होता है। बिहार सरकार की जो गाइडलाइन है, उसे सभी दफ्तर फॉलो करते हैं। गाइडलाइन की एक कॉपी केंद्र हो भी जाती है।
प्राइवेट कार्यालयों और संस्थाओं पर लागू नियम
औद्योगिक प्रतिष्ठानों को छोड़ कर बिहार में सभी प्राइवेट कार्यालयों और संस्थाओं के व्यावसायिक और गैर व्यावसायिक कार्यालयों में 33% कर्मियों की उपस्थिति ही रखनी है। कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार का यह आदेश 30 अप्रैल तक के लिए लागू किया गया है।
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