आंकड़ों में आगे बढ़ने की मारामारी ने ना सिर्फ कोरोना के खतरे को बढ़ा दिया है बल्कि लोगों को भी परेशान कर दिया है। बिहार में बिना टीका लिए सर्टिफिकेट जारी होने के अब तक के दर्जन भर मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग के फर्जीवाड़े के शिकार ऐसे लोग अब तीसरी लहर के आते ही सेंटर दर सेंटर भटकने को मजबूर हैं। सवाल ये है करें तो क्या?
रीना देवी गुरुवार को पटना के एक वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन की दूसरी डोज लेने पहुंची थी, लेकिन सेंटर पर उन्हें ये बताया गया कि अब उन्हें अपनी दूसरी डोज नालंदा के थरथरी प्रखंड में लेना होगा। ये पूछे जाने पर कि आखिर इसकी वजह क्या है तो उन्हें ये बताया गया कि उनके नाम से वैक्सीन की दूसरी डोज लेने का सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया है। ये सर्टिफिकेट नालंदा के थरथरी प्रखंड के एक वैक्सीन सेंटर से जारी हुआ है, यही वजह है कि अब उन्हें वही जाकर अपनी शिकायत करनी होगी।
रीना अब परेशान हैं, क्योंकि उन्होंने दूसरी डोज लिया ही नहीं। असल में रीना का घर नालंदा के थरथरी प्रखंड में ही है, यही उन्होंने 1 अगस्त को 2021 को अपना पहला टीका भी लिया था। जब वो 3 महीने बाद भी दूसरा डोज लेने नहीं पहुंची तो उनके दूसरा डोज लेने का फर्जी सर्टिफिकेट जारी कर दिया गया। रीना का आधार नंबर डालते ही टीकाकर्मी इस फर्जीवाडे को समझ गए और कुछ कहने के बजाय उन्होंने उन्हें थरथरी जाने की सलाह दे डाली।
बिहार में ऐसे कई मामले आ चुके हैं सामने
रीना अकेली नहीं हैं, जिसके साथ ऐसा फर्जीवाड़ा हुआ है। बिहार में अब तक ऐसे दर्जन भर मामले सामने आ चुके हैं, जिसमें बिना वैक्सीनेशन के ही सर्टिफिकेट जारी हो चुका है। शुरुआत में ऐसे लोगों ने इसे लेकर शिकायत तो की, लेकिन ज्यादा कोशिश नहीं की क्योंकि कोरोना के मामले तब घट गए थे। अब जब फिर से तीसरी लहर का खतरा सिर पर है तो ये लोग वैक्सीन लेने के लिए परेशान हैं।
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