नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने पटना सहित बिहार के 4 शहरों में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगया था। NGT के आदेश के बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने DM और SSP को पटाखा बिक्री पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। DM और SSP के साथ राज्य प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड की जवाबदेही के बाद भी पटना की हवा में बारूद का जहर घुलने से बचाया नहीं जा सका। पटना का एरर क्वालिटी इंडेक्स दीपावली के दूसरे ही दिन 271 पहुंच गया है जो सांस के रोगियों के साथ सामान्य लोगों के लिए भी खतरनाक है।
राजवंशी नगर और समनपुरा में जहर
राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक, पटना के 6 जांच सेंटर की रिपोर्ट में राजवंशी नगर और समनपुरा की हवा सबसे अधिक जहरीली हुई है। मुरादपुर और राजकीय विद्यालय शिकारपुर में भी हवा शुद्ध नहीं है। राजकीय विद्यालय मुरादपुर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 241 है। इस एरिया में रहने वाले ज्यादातर लोगों को सांस लेने में समस्या होगी। बीमार लोगों के साथ सामान्य लोगों को भी सांस लेने में तकलीफ होगी। इसका साइड इफेक्ट सेहत पर पड़ेगा। गुरुवार की रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक सबसे अधिक हवा प्रदूषित रही है।
हवा में हर तरह का जहर
राजवंशी नगर में एयर क्वालिटी इंडेक्स 344 पहुंच गया है। यहां भी सामान्य लोगों को सांस लेने में तकलीफ होगी। गुरुवार की रात एक बजे तक सबसे अधिक प्रदूषण रहा है। PM 2.5 से लेकर PM10, NO2, NH3, SO2 और CO की मात्रा काफी अधिक रही है। समनपुरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 236 रहा। इस हवा में अधिक देर तक संपर्क में रहने वालों की समस्या होगी। सामान्य लोगों के साथ सांस के रोगियों पर हवा का यह जहर भारी पड़ेगा। DRM ऑफिस दानापुर के एरिया में हवा पटना के पॉस इलाकों की तरह जहरीली नहीं हुई है। राजकीय हाईस्कूल शिकारपुर में भी एयरक्वालिटी इंडेक्स 255 है।
DM और SSP को था NGT का निर्देश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल NGT ने पटना, मुजफ्फरपुर, हाजीपुर और गया में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगाने का आदेश जारी किया था। इस आदेश के बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पटना सहित सभी चारो जिलों के डीएम और एसपी को निर्देश जारी कर पटाखों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने को कहा था। इसके बाद भी पटना में जमकर पटाखों की बिक्री हुई।
हर सांस पर भारी पड़ेगी 3 विभागों की मनमानी
पटाखा बिक्री के लिए पुलिस, प्रशासन और फायर विभाग सीधे तौर पर जवाबदेह हैं। इन तीनों विभागों की मिलीभगत के बिना पटाखों की बिक्री नहीं हो सकती है। जिला प्रशासन से पटाखों का लाइसेंस बनता है और बिना लाइसेंस के पटाखो की खरीद तक नहीं हो सकती है। फायर और पुलिस के साथ एसडीओ की भी जिम्मेदारी है। तीनों विभागों की मिलीभगत नहीं होती तो चोरी छिपे पटाखों की बिक्री होती लेकिन राजधानी पटना में तीनों विभागों के जिम्मेदारों ने आदेश को अनदेखा कर पटाखा कारोबारियों को मूक सहमित दे दी थी। आदेश फाइलों में दब गया है और पुलिस लाइन के साथ थानों के आस पास पटाखों की बिक्री खुलेआम हो रही है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.