स्कूल खुलते ही नया बवाल मच गया है। कोरोना से हाल बेहाल प्राइवेट स्कूल के संचालक अब स्कूलों के बंद होने का खतरा बता रहे हैं। खस्ताहाल स्कूलों ने अब सरकार से दखल करने की मांग की है। निजी स्कूलों के संचालकों का कहना है कि बोर्ड जबरन स्कूलों को परीक्षा सेंटर बना रहा है, जिससे पूरी व्यवस्था बिगड़ रही है। ऐसे स्कूलों की स्थिति खराब हो रही है जिससे वह बंदी की कगार पर पहुंच सकते हैं। सरकार से मुक्ति दखल की मांग की गई है। स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की मांग है कि प्राइवेट स्कूलों में एग्जाम का सेंटर नहीं बनाया जाए। इससे पूरी व्यवस्था प्रभावित हो जाती है।
बिहार बोर्ड पर लगाया आरोप
प्राइवेट स्कूलों का आरोप है कि बिहार बोर्ड द्वारा जबरन निजी विद्यालयों को परीक्षा सेंटर के तौर पर ले लिया जा रहा है जो सही नहीं है। पहले से ही दो वर्षों से निजी विद्यालयों की हालत खराब हो चुकी है, उसके बावजूद निजी विद्यालयों को परीक्षा केंद्र जबरन बनाया जा रहा है। इसे अन्याय बताया गया है। प्राइवेट स्कूल संचालकों का कहना है कि पिछले कई दशकों से निजी विद्यालय संचालक बिहार बोर्ड के इस मनमानी रवैये से प्रताड़ित होते आ रहे हैं, यदि इस बिंदु पर संज्ञान नहीं लिया गया तो सूबे के शिक्षा के मंदिर बंद हो जाएंगे। स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल अहमद का कहना है कि बोर्ड पूरी तरह से अन्याय कर रहा है।
सरकार से दखल करने की अपील
स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि बिहार सरकार को समझना ज़रूरी है की सूबे में शिक्षा का स्तर को बढ़ाने वाले यही निजी विद्यालय हैं और यदि इन विद्यालयों को इसी तरह सरकारी परीक्षा करवाने के लिए लेते रहा जाएगा तो निजी विद्यालयों की भी गुणवत्ता अंधकार में चली जाएगी। शमायल अहमद ने आरोप लगाया कि जब बिहार बोर्ड इन परीक्षाओं को करवाने के लिए मोटी रक़म पंजीकरण के नाम पर विद्यार्थीयों से वसूलता है तो क्या यह बिहार बोर्ड के अधिकारियों का दायित्व नहीं बनता है की उनकी परीक्षा करवाने के लिए भवन की व्यवस्था आत्मनिर्भर हो कर किया जाए। एक तरफ आत्मनिर्भर होने का दावा किया जाता है और दूसरी तरफ बिहार बोर्ड जैसे बड़े संस्थान निजी विद्यालयों को उजाड़ने के लिए जबरन अपने परीक्षा केंद्र बनाकर निजी विद्यालयों के पठन-पाठन को तहस-नहस करने में लगा है।
बोर्ड पर खड़ा किया जा रहा है सवाल
स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने कहा है कि सवाल यह उठता है की आख़िर बिहार बोर्ड पंजीकरण शुल्क ले कर करती क्या है। क्यूं कि कई दशकों से किसी भी निजी विद्यालयों को परीक्षा केंद्र के नाम पर फूटी कौड़ी नहीं मिला है। ऐसी समस्या को लेकर स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मांग की है कि इस गंभीर मामले को संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई कराएं।
स्कूल खोलने के लिए किया स्वागत
स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शमायल ने स्कूल खोलने के निर्णय का स्वागत किया है। बिहार सरकार के निर्देशानुसर बिहार के 38 जिलों में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक के विद्यार्थियों के लिए सभी निजी विद्यालयों के द्वार आधिकारिक तौर पर सोमवार 16 अगस्त 2021 से खोल दिए गए हैं। जिसके फलस्वरूप विद्यालयों का माहौल खुशनुमा हो गया है। सूबे के सभी विद्यालयों में कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी मानको का पालन किया जा रहा है। इसके लिए सरकार का आभार व्यक्त किया गया है। प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफ़ेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सैयद शमायल अहमद ने सभी निजी विद्यालय संचालकों एवं अभिभावकों को शुभकामनाएं देते हुए राज्य सरकार को धन्यवाद दिया है।
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