पटना हाईकोर्ट ने पटना के संपतचक बैरिया में स्थापित किए जाने वाले कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट (वेस्ट मैनेजमेंट प्रोजेक्ट ) को हटाने को लेकर दायर याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करते हुए बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड को संक्षेप में एक शपथ पत्र दाखिल करने को कहा है। जस्टिस राजन गुप्ता व जस्टिस मोहित कुमार शाह की खंडपीठ ने सुरेश प्रसाद यादव व अन्य द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया।
सुनवाई के दौरान पटना नगर निगम का पक्ष रखते हुए अधिवक्ता प्रसन्न सिन्हा ने बताया कि उक्त प्रोजेक्ट में किसी प्रकार की अनियमितता या विधि विरुद्ध कार्य नहीं किया गया है। जबकि प्रदूषण बोर्ड के अधिवक्ता का कहना था कि इस प्रोजेक्ट के लिए कोई न तो आवेदन दिया गया है और न ही अनुमति ली गई है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदूषण बोर्ड के अधिवक्ता से मौखिक रूप से कहा कि आपको कार्रवाई करने से कौन रोक रहा? कार्रवाई कीजिए।
पूर्व की सुनवाई में ही याचिकाकर्ता के अधिवक्ता श्रीप्रकाश श्रीवास्तव ने खंडपीठ को बताया था कि उक्त प्रोजेक्ट को स्थापित करने के लिए बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से क्लीयरैंस भी नहीं लिया गया है, जिसकी वजह से एक ओर वायु प्रदूषण फैल रहा है तो दूसरी ओर कृषि योग्य भूमि पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि आखिर किस कानूनी अधिकार के तहत पंचायत क्षेत्र में पड़ने वाले इस जगह का चयन कचड़ा प्रबंधन प्रोजेक्ट के लिए किया गया है?
याचिका में यह भी प्रश्न खड़ा किया गया है कि क्या कृषि भूमि पर स्थापित किये जाने वाले इस प्रोजेक्ट के लिए बैरिया कर्णपुरा पंचायत राज से किसी भी प्रकार की अनुमति ली गई है ? नगर विकास व आवास विभाग के कमिश्नर, बिहार स्टेट पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड व पटना नगर निगम से स्पष्टीकरण पूछने सह शो - कॉज करने का आग्रह भी इस याचिका के जरिए किया गया है। प्रोजेक्ट के लिए भूमि अधिग्रहण किए जाने के पूर्व पंचायत राज बैरिया के ग्राम सभा द्वारा एक बैठक भी 29 दिसंबर, 2006 को बुलाई गई थी, इसमें इस प्रोजेक्ट को लेकर विरोध किया गया था। इस मामले पर आगे की सुनवाई अब आगामी जनवरी माह में की जाएगी।
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