RJD में 6 टन की लालटेन के शिलान्यास को लेकर विरोधी दलों की तरफ से जमकर हमला किया जा रहा है। लालू प्रसाद यादव के धुर विरोधी सुशील मोदी ने तो इसे बिहार में लालू राज की विफलता का अधूरा शिलालेख कहा है। उन्होंने कहा कि लालू को केवल लालटेन नहीं, बल्कि बदहाल सड़क और चरवाहा विद्यालय की प्रतिमूर्ति भी लगवानी चाहिए थी। संयोगवश, लालटेन मूर्ति का लोकार्पण उस दिन हुआ, जब हर गांव को बिजली से रोशन करने वाली एनडीए सरकार 15वीं वर्षगांठ मना रही है।
BJP के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि लालू प्रसाद ने मुख्यमंत्री के रूप में बिहार को घोटाले दिए और केंद्रीय सरकार में शामिल होने पर केवल 'घोषणा मंत्री' साबित हुए। उन्होंने रेल कारखाना और रेल पुल के लिए बस घोषणाएं की। लेकिन जमीन अधिग्रहण, बजट आवंटन और सपनों को पूरा करने तक सारे काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किए।
उन्होंने लिखा है कि लालू प्रसाद चरवाहा विद्यालय भी नहीं चला पाए, मेडिकल और इंजीनियरिंग के नए संस्थान खोलना तो बहुत दूर की बात थी। दूसरी तरफ एनडीए सरकार ने स्कूली छात्र-छात्राओं को साइकिल-पोशाक देने की योजना लागू की। कोरोना महामारी के समय लालू प्रसाद की पार्टी ने गरीबों की मदद के लिए कुछ नहीं किया, जबकि एनडीए सरकार ने जांच, इलाज, वैक्सीन से लेकर मुफ्त राशन तक देने की व्यवस्था की। केंद्र सरकार ने मुफ्त राशन की व्यवस्था अगले 4 महीने तक बढाने की भी घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ही गरीबों-किसानों की सरकार है।
लालू ने जलाई 6 टन की लालटेन की लौ
लालू प्रसाद यादव 4 साल बाद RJD कार्यालय पहुंचे। उन्होंने RJD के रजत जयंती वर्ष पर इसके प्रतीक चिन्ह के रूप में गुलाबी पत्थर से तैयार 6 टन की लालटेन का लोकार्पण किया। वीरचंद पटेल रोड स्थित पार्टी कार्यालय में इसे उस जगह पर लगाया गया है, जहां वर्षों से ध्वजारोहण होता रहा है। हालांकि, इसके बाद वह रजत जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने चले गए।
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