बिहार में देश का सबसे बड़ा स्वर्ण अयस्क भंडार है। केन्द्रीय खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बिहार में 37.6 टन धातु युक्त अयस्क सहित 223 मिलियन टन स्वर्ण धातु उपलब्ध है। यह 44% है। बिहार में यह पूरा भंडार जमुई के सोनो क्षेत्र में है। देश में 1 अप्रैल 2015 तक 501.83 मिलियन टन संसाधन होने का अनुमान है। इसमें 654.74 टन स्वर्ण धातु है। जोशी बुधवार को लोकसभा में डॉ. संजय जायसवाल के सवाल का जवाब दे रहे थे।
मंत्री ने बताया कि बिहार में स्वर्ण के इन संसाधनों को संयुक्त राष्ट्र फ्रेम वर्गीकरण कोड-333 ( 21.6 टन धातु युक्त 128.88 मिलियन टन) और कोड-334 (16 टन धातु युक्त 94 मिलियन टन) के तहत श्रेणीबद्ध किया गया है। मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में जीएसआई ने पश्चिम चंपारण व गया में प्रारंभिक सर्वे किया है। लेकिन यहां स्वर्ण की औसत सांद्रता कम है।
लागत कम होने की उम्मीद
हाल ही में केंद्र ने सोने सहित अन्य धातुओं की खुदाई खनिजों से संबंधित नियमों में संशोधन किया है, जिससे गहराई में दबी सोने समेत अन्य धातुओं के लिए जी-4 स्तर के लाइसेंस की नीलामी हो सके। इससे सोने को निकालने में लागत कम होने की उम्मीद है।
देश में 50 करोड़ टन भंडार
नेशनल मिनरल इंवेंटरी डाटा के मुताबिक देश में 1 अप्रैल 2015 तक स्वर्ण अयस्क का कुल भंडार 50.183 करोड़ टन है। इनमें 1.722 करोड़ टन सुरक्षित श्रेणी व शेष संसाधनों की श्रेणी में है।
15 साल पहले भी हुआ था खनन
बिहार में डेढ़ दशक पहले स्वर्ण भंडार को लेकर खनन कार्य हुआ था। प्रारंभिक सर्वेक्षण में अयस्क में स्वर्ण धातु की मात्रा काफी कम पायी गयी थी। इससे यह काफी खर्चीला और महंगा सौदा माना गया। इसीलिए बाद में कार्रवाई रोक दी गयी। लेकिन, अब माना जा रहा है कि बेहतर तकनीकी के कारण स्वर्ण खनन सस्ता हो सकता है।
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