चिराग ने उठाया बिहारियों की सुरक्षा का मुद्दा:पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक में पहुंचे, कहा- बिहार में आम जनता क्या, पुलिस भी डरी हुई है

पटना6 दिन पहले
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दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में मंगलवार को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई। इस बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने दूसरे राज्यों में रह रहे बिहारियों की सुरक्षा के मुद्दे को उठाया। उन पर होने वाले हमले पर चिंता जाहिर करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि इसमें केंद्र सरकार को हस्तक्षेप करना होगा। बिहार के बाहर जाकर छोटी-मोटी नौकरी करने वाले बिहारी मजदूरों पर करना सही नहीं है।

हमारी पार्टी केंद्र व राज्य सरकारों से यह मांग करती है कि वह बिहार के लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करें। पार्टी का यह मानना है कि भारतीय संविधान में प्रदत्त अधिकारों के तहत किसी भी प्रदेश के नागरिक को भारत के दूसरे राज्यों में जाकर रहने, व्यवसाय करने एवं नौकरी करने की पूरी स्वतंत्र होनी चाहिए।

बिहार में खत्म हो गई है कानून व्यवस्था
दिल्ली में पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं को बीच चिराग ने कहा कि बिहार में कानून व्यवस्था पूरी तरह खत्म हो गई है। यहां अराजक तत्वों का राज कायम हो गया है। दिनदहाड़े बिहार की राजधानी पटना में लूटपाट और हत्या जैसी बड़ी वारदातें आम हो चुकी हैं। आम जनता की रक्षा करने वाली पुलिस भी डरी हुई रहती है। जबकि, अपराधी भयमुक्त होकर खुलेआम घूम रहे हैं।

टारगेट किए जा रहे हैं दलित और अल्पसंख्यक
चिराग ने कहा कि हाल के दिनों में बिहार के अंदर दलितों और अल्पसंख्यकों को टारगेट किया जा रहा है। उन्हें जान से मारा जा रहा है। बिहार के अंदर ऐसी घटनाओं में भारी बढ़ोतरी हुई है। पार्टी इन घटनाओं की कड़े शब्दों में आलोचना करती है एवं देश के लोगों से सौहार्द व समरसता बनाए रखने की अपील करती है। साथ ही पार्टी केंद्र सरकार से इन मामलों का राष्ट्रीय स्तर पर संज्ञान लिए जाने की भी मांग करती है।

विचाराधीन कैदियों पर भी बोले चिराग
मौके पर चिराग पासवान ने बिहार के जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के मामले को भी उठाया। उन्होंने कहा कि शराब से संबंधित मामलों में तीन से चार लाख कैदी राज्य के अलग-अलग जेलों में बंद हैं। इनमें से ज्यादातर दलित वर्ग से आते हैं। लोजपा रामविलास यह मांग करती है कि इन विचाराधीन कैदियों के मामलों का निपटारा जल्द से जल्द किया जाए। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट और पटना हाईकोर्ट, दोनों की तरफ से बिहार सरकार के खिलाफ गंभीर टिप्पणी की जा चुकी है।

फिर भी सरकार की कान पर जूं नहीं रेंग रहे। शराब संबंधी मुकदमों के अत्यधिक संख्या के कारण बिहार की न्याय व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और लोगों के अन्य मामलों में भी न्याय मिलने में देरी हो रही है। लोजपा रामविलास नए न्यायालयों के गठन एवं नए जजों की नियुक्ति की मांग करती है, ताकि भारी संख्या में लंबित मुकदमों का जल्द से जल्द निपटारा हो सके।