पटना हाईकोर्ट ने पाटलिपुत्र रेल स्टेशन को सभी ओर से जोड़ने वाली सड़कों के निर्माण मामले पर सुनवाई करते हुए रेलवे और राज्य सरकार से हलफनामा दाखिल करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल व न्यायमूर्ति एस कुमार की खंडपीठ ने भरत प्रसाद सिंह द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश को पारित किया।
याचिकाकर्ता के वरीय अधिवक्ता पी.के शाही व सत्यम शिवम सुंदरम ने बताया कि नहर के पश्विम ओर से पाटलिपुत्र स्टेशन को जोड़ने के लिए फुटओवर ब्रिज और पटना एम्स-दीघा रोड वाली एलिवेटेड रोड से ब्रांच निकालकर नहर के पश्चिम की ओर पाटलिपुत्र स्टेशन को जोड़ने पर रेलवे और राज्य सरकार की सहमति बनी है। नहर के पश्चिम की ओर रोड को चौड़ा भी किये जाने की योजना है। ताकि वहां गाड़ी वगैरह भी लगाया जा सके। एम्स-दीघा एलिवेटेड रोड की ओर से ब्रांच रोड निकालने और इसके निर्माण का 50 फीसदी खर्च रेलवे को वहन करना होगा। इसको लेकर रेलवे के उच्च अधिकारी से सहमति लेने को कहा गया है।
बता दें कि इसके निर्माण में 94. 52 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। इसके निर्माण होने से यात्रियों को नहर के पश्चिम की ओर से भी पाटलिपुत्र स्टेशन आने में सुविधा हो जाएगी। वहीं, एनटीपीसी रोड से पाटलिपुत्र रेलवे स्टेशन तक जोड़ने को लेकर जब कोर्ट ने कहा तो राज्य सरकार के महाधिवक्ता ललित किशोर ने फिलहाल अपनी असहमति जताते हुए इसे भविष्य के लिए खुला रखने की बात कही। इसके निर्माण से एनटीपीसी की ओर से सड़क की लम्बाई 600 मीटर और चौड़ाई 22 मीटर हो सकती है । इसमें आशियाना नगर कॉलोनी मोड़, रामनगरी मोड़ और मजिस्ट्रेट कॉलोनी रोड आदि क्षेत्र शामिल हो सकते हैं। इसके लिए 76.47 करोड़ रुपये खर्च होंगे, जिसमें भूमि अधिग्रहण का व्यय भी शामिल है।
वहीं इस दौरान कोर्ट का कहना था कि फिलहाल जमीन खाली है, इसलिए इसपर सड़क निर्माण करने में सहूलियत होगी। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने आगे बताया कि पाटलिपुत्र स्टेशन का निर्माण तो काफी पहले ही हो गया, लेकिन वहां तक सभी ओर से पहुंचने के लिए सड़कें नहीं होने की वजह से यात्रियों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.