वार्ड नंबर-3
नगर निगम की ओर से दाे-तीन माह पहले सभी वार्डों में जलापूर्ति, सड़क और नली-गली योजनाओं के लिए टेंडर जारी किया गया। इनमें सात निश्चय की योजनाएं भी हैं। लेकिन भास्कर पड़ताल में मिली जानकारी के मुताबिक सभी 75 वार्डों में करीब 254 ऐसे निर्माण कार्य हैं, जिनका टेंडर फाइनल होेने के बाद भी जमीन पर काम शुरू नहीं हो सका हैै।
टेंडर होने के बाद संवेदकों ने अनुबंध भी कर लिया, लेकिन अब पूरा मामला राशि के आवंटन में फंस गया है। वे काम शुरू करने से पहले ही राशि की मांग कर रहे हैं। इस चक्कर में कई वार्डों में सड़क और ड्रेनेज का काम भी फंसा है। कुछ दिन बाद ही मानसून शुरू होने वाला है, ऐसे में लाेगाें की दिक्कत फिर से बढ़ने वाली है। अनमेश दुबे की रिपोर्ट...
दो माह पहले ही 36 कार्यों के लिए टेंडर जारी किया गया। लेकिन, इनमें से पांच के ही काम शुरू हो सके हैं। गंगानगर कॉलोनी में करीब डेढ़ किमी पीसीसी सड़क व ड्रेनेज का निर्माण होना है। इस सड़क को बनाने के लिए 1 करोड़ 19 लाख 27 हजार की प्राक्कलित राशि तय है। लेकिन, अभी तक निगम प्रशासन ने ठेकेदार काे एडवांस के ताैर पर 2,38,540 रुपए ही दिए हैं।
ठेकेदार बाकी पैसा नहीं मिलने के चलते काम शुरू नहीं कर रहा है। लोगों ने कहा कि 300 मकानाें के लाेग इस एक सड़क और ड्रेनेज के नहीं बनने से बरसात में जलजमाव का संकट झेलेंगे। पवन, संजय, मदन सिंह, सहजानंद, नंदकिशोर प्रसाद, महेश कुमार व पंकज कुमार ने बताया कि कई बार शिकायत के बाद भी काम शुरू नहीं हो रहा है।
वार्ड नंबर-60
पटना सिटी के मोगलपुरा खिरनी में छह माह पहले से बोरिंग बनकर तैयार है, लेकिन वाटर सप्लाई नहीं हाे रही है। इससे 1500 घरों में पानी की आपूर्ति ठप है। दरअसल, बिजली विभाग को संवेदक द्वारा राशि नहीं दिए जाने के कारण कनेक्शन नहीं मिला है। पार्षद शोभा देवी ने बताया कि निगम कार्यालय में पूछने पर बताया गया कि पुनरीक्षित प्राक्कलन पर स्टैंडिंग कमेटी में ही निर्णय हाेगा।
लेकिन बोर्ड की बैठक में पार्षद के पूछने पर कार्य हो जाने की बात कही गई। स्थानीय फेंकनी देवी, कौशल्या देवी शीला देवी, धर्मशीला देवी, मोहम्मद तनवीर, मोहम्मद जाहिद, बलराम कुमार, रामानंद प्रसाद, अंबिका पासवान, अशोक राम ने कहा कि जल्द ही नगर आयुक्त का घेराव करेंगे।
वार्ड नंबर-43
रा जेंद्रनगर रोड नंबर-1 में ब्रिज काॅन्वेंट हाईस्कूल से नाला रोड तक भूगर्म नाला निर्माण का कार्य संवेदक द्वारा अभी तक पूरा नहीं किया गया है, जबकि दो महीने में ही इसे पूरा करना था। 5 मई 2021 को ही संवेदक के साथ अनुबंध किया गया था। 75 लाख 54 हजार के इस प्रोजेक्ट में देरी के चलते कार्यपालक अभियंता द्वारा संवेदक को नोटिस भी दिया गया।
लेकिन अभी तक काम अधूरा है। कुछ दिन पहले संवेदक ने कार्यपालक अभियंता के शराब पीने और भ्रष्टाचार का वीडियो व ऑडियो वायरल कर दिया था। इसके बाद नगर आयुक्त ने जांच के बाद कार्यपालक अभियंता के निलंबन की अनुशंसा कर दी। इस विवाद की वजह से काम अधूरा पड़ा है।
इसका भी डर ताे नहीं, ओके रिपोर्ट के बाद ही ठेकेदारों को भुगतान
नगर निगम द्वारा चल रही योजनाओं की जांच के लिए नगर आयुक्त की निगरानी में टीम बनाई गई है। इसमें उपनगर आयुक्त, मुख्य अभियंता, कार्यपालक पदाधिकारी और कार्यपालक अभियंताओं काे शामिल किया गया है। निर्माण कार्य के भुगतान के पहले पूरी बारीकी से उसकी जांच होगी। ओके रिपोर्ट के बाद ही ठेकेदार को भुगतान हाेगा। जांच के दौरान देखा जाएगा कि किन योजनाओं में कितना प्रतिशत काम बाकी है और कौन पूर्ण होने की स्थिति में है?
मेयर ने कहा - समय पर भुगतान नहीं हाेने से समस्या
'यह बात सही है कि वार्डों में बड़ी संख्या में निर्माण कार्य बाधित हैं। संवेदकों द्वारा काम शुरू नहीं करने के पीछे यह भी कारण है कि उन्हें समय पर पेमेंट नहीं किया जा रहा है। समस्या अब फिर बढ़ गई है, क्योंकि निर्माण कार्य की जांच करने के लिए टीम का गठन हुआ है, जिसके चलते देरी हो रही है। समय पर जांच प्रक्रिया पूरी नहीं हो रही है। इस व्यवस्था के चलते सभी निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं।' -सीता साहू, मेयर
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