कोरोना की तीसरी लहर की दहशत के बीच वायरस धोखा कर रहा है। जांच के साथ ही मामले घट-बढ़ रहे हैं, जो चिंता के विषय है। नए संक्रमण पर पूरी तरह से काबू नहीं पाना ही खतरे की घंटी है। पिछले 72 घंटे में पटना में एक भी मौत नहीं हुई और पूरे राज्य में मंगलवार रात एक मौत हुई है। यह राहत की बात है, लेकिन जांच के साथ मामलों का कम अधिक होना खतरा बढ़ा रहा है। ऐसे में एक्सपर्ट भी कोरोना की तीसरी लहर को लेकर लोगों को अगाह करने में जुटे हैं। इसके बाद भी राजनीतिक कार्यक्रमाें के साथ बाजारों में भी नियम टूट रहे हैं।
जांच के साथ घटता-बढ़ता वायरस
13 जुलाई को कुल 1,22,096 लोगों की जांच हुई है, जिसमें नए मामले 102 आए हैं। 12 जुलाई को 1,02,083 लोगों की जांच कराई गई थी जिसमें नए मामलों की संख्या मात्र 72 थी। 11 जुलाई को जब 1,24,068 लोगों की जांच कराई गई थी तब संक्रमण के नए मामले 136 पाए गए थे।
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के कोविड वार्ड के नोडल डॉ. अरुण अजय का कहना है कि कोरोना को लेकर हमेशा सावधान रहना है और इसकी तीसरी लहर के खतरे को देखते हुए खुद को बचाना है।
782 लोग लड़ रहे कोरोना से जंग
बिहार में ऐसे लोगों की संख्या 782 है, जो दिन रात कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। अब तक कुल 7,23,457 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं जिसमें 7,13,055 लोगों ने कोरोना को मात दी है। अब राज्य में कुल 782 एक्टिव मामले हैं। कोरोना को मात देने वालों की संख्या नए संक्रमण से कम है, इस कारण से रिकवरी रेट में भी काफी सुधार हो रहा है। बिहार की रिकवरी रेट 98.56 प्रतिशत है। पटना में कुल 104 लोग कोरोना से जंग लड़ रहे हैं। राजधानी में कुल 1,46,609 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं जिसमें 1,44,179 ने संक्रमण को मात दी है।
नए संक्रमण के टॉप 5 जिले
एक्टिव मामलों के टॉप 5 जिले
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