कोरोना की तीसरी लहर में जहां पूरा देश दहशत में है, वहीं बिहार राज्य आयुष समिति बड़ा दावा किया है। दावा किया जा रहा है कि तीसरी लहर में कोरोना गर्मपानी, काढ़ा, हल्दी धनिया और जीरा से हारा है। होम आइसोलेशन में रहने वाले संक्रमित घरों में घरेलू उपचार से पॉजिटिव से निगेटिव हुए हैं। कम ही लोग ऐसे थे जिन्हें घरेलू उपचार से आराम नहीं मिला और अस्पताल में जाना पड़ा। ऐसे में लोगों में कोरोना पहले से गंभीर बीमारियों पर भारी पड़ा है। टेलीमेडिसिन के आंकड़ों और फीडबैक के हवाले से ही राज्य आयुष समिति का दावा घरेलू उपचार से कोरोना को मात देने का है।
दावा का बताया गया आधार
राज्य आयुष समिति के अरविंदर सिंह न कोरोना की तीसरी लहर में घरेलू उपचार से संक्रमण को मात देने का आधार संक्रमितों के फीड बैक को बताया। उन्होंने बताया कि टेली कॉलिंग की व्यवस्था से लोगों को सलाह दी गई और उसके बाद फॉलोअप में मिले फीड बैक से यह पता चला कि कोरोना को गर्म पानी के साथ काढ़ा और मसालों से हराया जा सकता है।
अरविंदर सिंह का कहना है कि ऐसे कई फीडबैक आए हें जिसमें कोरोना को आसानी से हराने की पुष्टि हुई है। उनका कहना है कि लोग घरेलू नुस्खे से लाभ उठाकर कोरोना को मात दे सकते हैं। सावधानी के लिए पहले से ही इसका इस्तेमाल का अपनी इम्यूनिटी बढ़ा सकते हैं, जिससे कोरोना के संक्रमण का खतरा थोड़ा कम हो सकता है।
ऐसे मिल सकता है कोरोना से लाभ
राज्य आयुष समिति के अरविंदर का कहना है कि कोरोना को हराने के लिए गुनगुना पानी, योग, प्राणायाम, हल्दी, धनिया, जीरा, च्यवनप्राश,हर्बल चाय, काढ़ा, तुलसी, दालचीनी, काली मिर्च और अदरक का इस्तेमाल करना होगा। दिन में दो बार गर्म दूध के साथ हल्दी लेने से संक्रमण का खतरा कम होता है क्योंकि इससे इम्यूनिटी बढ़ती है। इम्युनिटी से ही कोरोना से रिकवरी काफी तेज हो जाती है।
इस कारण से ही लोगों को काफी फायदा हुआ है। राज्य आयुष समिति के अरविंदर का कहना है कि नाक से लेकर गले में खराश होने पर सरसों का तेल या नारियल का तेल नाक में दो बूंद डालने से आराम मिलता है। गर्म पानी में एक चम्मच तिल का तेल डालकर गरारे करना भी काफी फायदा पहुंचाया है। वहीं सूखी खांसी में पुदीना का पत्ता का भांप लेने से लाभ होता है। सूखी खांसी में लौंग का पाउडर शहद के साथ लेने से काफी आराम पहुंचा है।
आयुष का दावा, ऊंट के मुंह में जीरा
राज्य आयुष समिति के अरविंदर का कहना है कि राज्य में संक्रमितों में 10 हजार काढ़ा का पैकेट बांटा गया है। अब सवाल यह है कि लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है और इसके बाद भी हर संक्रमित तक आयुष का काढ़ा नहीं पहुंचा है। 14 जनवरी को ही 6541 मामला आया है और ऐसे में 10 हजार काढ़ा का पैकेट ऊंट के मुंह में जीरा के बराबर ही है।
राज्य आयुष समिति के अरविंदर ने कोरोना को लेकर आयुष के बड़े बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन सच तो यह है कि हर संक्रमित तक न तो काढ़ा पहुंचा है और न ही कोई जड़ी बूटी। इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत का कहना है कि प्रचार प्रसार में लोगों को घरेलू नुस्खों की सलाह दी जाती रही है। इससे लोगों को काफी लाभ हुआ है। होम आइसोलेशन में रहने वालों को काफी राहत मिली है।
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