सिविल सर्जन वैशाली डॉ. अखिलेश कुमार मोहन शुक्रवार को अचानक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजापाकर का निरीक्षण करने पहुंचे। जिला में योगदान देने के बाद प्रथम निरीक्षण में ही सीएचसी राजापाकर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. जितेंद्र मोहन पासवान अनुपस्थित पाए गए। शुक्रवार को लगभग 1:00 बजे अपराहन जैसे ही सिविल सर्जन की गाड़ी अस्पताल कैंपस में घुसी स्वास्थ्य कर्मियों के बीच अफरा-तफरी का माहौल बन गया। किसी को विश्वास ही नहीं था कि मकर संक्रांति के दिन भी सिविल सर्जन का औचक आगमन होगा।
सीएससी प्रभारी ड्यूटी से गायब पाए गए। सीएस के आने की सूचना उन्हें मिल गई और वे आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे तो सीएस ने जमकर फटकार लगाई। तत्पश्चात सीएस ने अस्पताल कैंपस में बने एएनएम जीएनएम पारा मेडिकल प्रशिक्षण भवन में करोना की तीसरी लहर को देखते हुए संभावित कोविड-19 रोगियों के रहने, दवा, ऑक्सीजन आदि की व्यवस्था का जायजा लिया तथा कई आवश्यक निर्देश दिए और सीएचसी के प्रसव कक्ष, दवा वितरण कक्ष ,जांच कक्ष आदि का निरीक्षण किया तथा लैब टेक्नीशियन को आवश्यक निर्देश दिए।
बेहतर इलाज मुहैया कराएंगे
पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए सिविल सर्जन वैशाली ने बताया कि चल रही कोविड की तीसरी लहर को देखते हुए यहां निरीक्षण करने आया हूं यहां पहले भी कोविड-19 का सेंटर था। यहां सब कुछ व्यवस्था है रोगियों को बेहतर इलाज मुहैया कराया जाएगा। ऑक्सीजन की भी व्यवस्था पर्याप्त है। वहीं सीएचसी राजापाकर में बीते वर्ष 2021 के दिसंबर माह से ही मधुमेह की दवा नहीं होने की शिकायत पर उन्होंने कहा कि दवा उपलब्ध होते ही अविलंब यहां भी मुहैया करा दिया जाएगा।
धुआं से प्रसव कक्ष में भर्ती महिलाएं परेशान दिखीं
वहीं एक और सीएस ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी राजापाकर को साफ सफाई की विशेष व्यवस्था रखने का निर्देश दे रहे थे, वहीं दूसरी ओर अस्पताल मुख्य द्वार के सामने फैले बजबजाता कीचड़ एवं दो -दाे कचरा का डब्बा रहने के बाद भी सफाईकर्मियों द्वारा सफाई कर कचरा को कचरा बॉक्स के बीचोबीच रखा दिया, जिसे देखकर सीएस भड़क उठे उन्होंने प्रभारी को अविलंब व्यवस्थित करने का निर्देश दिया। मालूम हो कि सीएचसी राजापाकर में 11 सफाईकर्मी साफ सफाई के लिए तैनात हैं फिर भी यहां यत्र-तत्र गंदगी फैला देखा गया। जिससे अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का खुला नजारा दिखा। वहीं कोविड-19 जांच करने के बाद खराब एंटिजन कीट एवं अन्य गंदगी को अस्पताल परिसर के पीछे ही जलाया जा रहा था जिस से निकलने वाली धुआं से प्रसव कक्ष में भर्ती महिलाएं परेशान दिखी।
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