पटना जू के शावक विक्रम की स्वास्थ्य में सुधार है। उसकी तबीयत जानने के लिए सोमवार को बिहार के पर्यावरण मंत्री तेज प्रताप यादव पटना जू पहुंचे। वहां उन्होंने विक्रम की हालत का जायजा लिया और यह देखा कि उसकी सही तरह से देखभाल हो रही है कि नहीं। हाई फीवर आने के बाद विक्रम की तबीयत लगातार बिगड़ती ही जा रही थी, लेकिन इलाज के बाद अब उसकी सेहत काफी अच्छी है। अभी वह उछल कूद कर रहा है। उसकी गतिविधियों पर सीसीटीवी के जरिए नजर रखी जा रही है।
विक्रम ने खाया कबूतर का मांस
प्लेटलेट्स नॉर्मल होने के बाद बाघ को हल्का भोजन दिया जा रहा है। विक्रम ने आज खाने में कबूतर खाया है। तबीयत ठीक होने के बाद पहले दिन उसने भोजन के रूप में गर्म चिकेन शूप पीया था और उसके बाद चिकेन भी खाया था। फिलहाल उसे हॉस्पिटल के अंदर बने केज में रखा जाएगा। पूरी तरह से ठीक होने के बाद विक्रम को उसकी मां संगीता से मिलाया जाएगा।
विक्रम की प्लेटलेट्स में आया काफी सुधार
मगध नामक शावक की मौत के बाद विक्रम की तबीयत खराब हो गई थी। उसे हाई फीवर था और प्लेटलेट्स में भी काफी कमी देखी जा रही थी। उसे पटना जू के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसके इलाज के लिए वेटरनरी डॉक्टर की टीम बुलाई गई थी। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अधिकारी की माने तो अभी सुबह, दोपहर, शाम और रात को विक्रम के प्लेटलेट्स की जांच की जा रही है और अभी उसके प्लेटलेट्स में काफी सुधार है।
ब्लड प्रोटोजोआ की चपेट में आ गए थे विक्रम और मगध
बाघ शावक विक्रम और मगध ब्लड प्रोटोजोआ की चपेट में आ गए थे। जहां 1 फरवरी को मगध की मौत हो गई थी तो वहीं विक्रम की हालत काफी गंभीर थी। मगध को मौत के बाद जला दिया गया था और विक्रम को पटना जू के अस्पताल में भर्ती कराया गया था। दो स्वस्थ शावक केसरी और रानी अपनी मां संगीता के साथ हैं।
करीब 8 महीने बाद इन शावकों को बाड़े में छोड़ा गया
नए साल पर बाघिन संगीता के चार शावकों को दर्शकों के देखने के लिए छोड़ा गया था। इनमें तीन नर व एक मादा शावक का जन्म हुआ था। ये चार शावक विक्रम, मगध, केसरी और रानी थे। मगध एक नर शावक था, जिसका रंग सफेद था। इन चार शावकों में मगध के अलावा केसरी सफेद रंग का नर शावक है। वहीं, एक नर शावक विक्रम और एक मादा शावक रानी सामान्य रंग के हैं। करीब आठ महीने बाद इन शावकों को बाड़े में छोड़ा गया था। इन चार शावकों के जन्म के बाद पटना जू में बाघों की कुल संख्या नौ हो गई थी, जो अब मगध के मौत के बाद 8 हो गई है।
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