यदि आप सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट कर रहे तो अब सावधान हो जाएं। ऐसे ही एक मामले में बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। यह पदाधिकारी हैं निर्वाचन विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी आलोक कुमार। आलोक कुमार ने वॉट्सऐप ग्रुप के जरिए एक संप्रदाय को आहत करने वाला एक पोस्ट किया। जांच की गई तो नंबर ट्रेस हो गया। इसके बाद मुख्यमंत्री सचिवालय के आदेश पर आर्थिक अपराध इकाई ने उन्हें तुरंत ही गिरफ्तार कर लिया।
कई ग्रुप में किए जा रहे थे इस तरह के पोस्ट
निर्वाचन विभाग में उप सचिव के पद पर पदस्थापित आलोक कुमार पर आर्थिक अपराध इकाई ने धारा 153ए और 66 आईटी एक्ट 2000 के अंतर्गत मुकदमा दायर किया है। इस केस के जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई के इंस्पेक्टर धर्मेंद्र कुमार सिंह को सौंपी गई है। बताया जाता है कि आलोक कुमार द्वारा अपने वॉट्सऐप नंबर 8825128848 के माध्यम से सांप्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील और भावना को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट शेयर किया जा रहा था। पुलिस के मुताबिक ऐसे पोस्ट से सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का डर और दंगा फैलने की पूरी संभावना होती है।
एक संप्रदाय को किया गया टारगेट
आर्थिक अपराध इकाई के अधीक्षक पुलिस निरीक्षक अनुज कुमार सिंह को अपने वरीय स्तर से सूचना प्राप्त हुई कि आलोक कुमार के मोबाइल नंबर से संप्रदायिक दृष्टिकोण से संवेदनशील और भावना को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट शेयर किया जा रहा है। इससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का डर है और दंगा फैलने की पूरी संभावना है। तत्काल इसका संज्ञान लेते हुए उक्त पोस्ट और वॉट्सऐप नंबर से फैलाए गए आपत्तिजनक पोस्ट का अनुज कुमार ने जांच किया। पोस्ट में ट्रौली पर एक बच्ची को बिठाकर एक बुजुर्ग व्यक्ति रोड पर घुमा रहा है। उसी क्रम में एक अन्य व्यक्ति द्वारा प्रश्न किया जाता है कि 'यह आप की पोती है', तब ट्रौली को धक्का दे रहे व्यक्ति द्वारा जवाब दिया जाता है कि 'नहीं यह मेरी नई बीवी है'।
पुलिस निरीक्षक अनुज कुमार सिंह ने आर्थिक अपराध इकाई के पुलिस अधीक्षक को अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में इस तरह के पोस्ट के माध्यम से सांप्रदायिक उन्माद फैलाने का प्रयास किया गया है। इसके बाद आलोक कुमार की गिरफ्तारी हुई।
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