तमिलनाडु मामले पर अब यूट्युबर मनीष कश्यप पर पटना में दूसरी FIR दर्ज कर ली गई है। दूसरा केस भी आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने ही दर्ज किया है। ADG मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने इसकी पुष्टि की है। FIR नंबर 4/23 एक फर्जी वीडियो को वायरल करने के मामले में दर्ज की हुई है।
ADG मुख्यालय के अनुसार तमिलनाडु मामले में जांच कर रही टीम ने एक और वीडियो को गलत पाया है। जिसे 8 मार्च को मनीष कश्यप ने BNR News हनी नाम के एक यूट्यूब चैनल के वीडियो को शेयर किया था। वीडियो में पट्टी बांधे गए दो युवकों अनिल कुमार और आदित्य कुमार को मजदूर दिखाया गया। इस वीडियो को मनीष कश्यप के साथी व गोपालगंज के रहने वाले राकेश कुमार रंजन ने शूट किया और 6 मार्च को उसे अपलोड कर दिया। शुरुआत से ही ये वीडियो संदिग्ध थी।
दो साथियों के साथ मिलकर वीडियो बनाया
पड़ताल और राकेश से पूछताछ हुई तो पूरा मामला सामने आया गया। ADG ने दावा किया कि राकेश ने पटना के जक्कनपुर थाना के तहत बंगाली कॉलोनी में एक घर किराए पर ले रखा है। इसी जगह पर इसने वीडियो को अपने दोनों साथियों के साथ मिलकर शूट किया था। इस बात को पूछताछ में राकेश ने कबूल भी किया है। इसने खुलासा किया किया पुलिस की जांच को गलत दिशा में ले जाने के उद्देश्य से ही वीडियो को बनाया गया था। EOU ने जो दूसरा केस दर्ज किया है, इसमें मनीष कश्यप, राकेश रंजन और वीडियो में मजदूर बनने वाले अनिल कुमार व आदित्य कुमार को नामजद किया गया है। राकेश को गिरफ्तार कर लिया गया है।
कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट लेगी EOU
तमिलनाडु मामले में EOU ने फेक वीडियो वायरल करने के मामले में पहली FIR 3/2023 दर्ज की थी। इस केस में भी मनीष कश्यप, प्रयास न्यूज के राकेश तिवारी ट्विटर यूजर युवराज सिंह राजपूत और अमन कुमार को नामजद किया गया था। इस केस में जमुई के अमन कुमार को EOU गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। जबकि, भोजपुर जिले के रहने वाले युवराज सिंह राजपूत की तलाश चल रही है। गोलीबारी के केस में ये पहले से भोजपुर पुलिस के लिए वांटेड है। पिछले तीन महीने से इसकी तलाश चल रही है। वहीं, पूछताछ के लिए मनीष कश्यप को नोटिस दिया गया था।
EOU के ऑफिस आने को कहा गया था। ताकि जांच कर रही टीम सवालों का जवाब जान सके। पर मनीष कश्यप नहीं गए। ऐसी स्थिति में इनके उपर गिरफ्तारी की तलवार अब लटक गई है। जल्द ही कोर्ट से गिरफ्तारी का वारंट हासिल किया जाएगा। ADG मुख्यालय ने बताया कि कानूनी कार्रवाई के लिए कदम बढ़ा दिया गया है। इसके उपर पहले से कुल 7 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस टीम पर मनीष कश्यप हमला कर चुका है। पटना में इसने पुलवामा हमले के बाद बेकसूर कश्मीरियों के साथ मारपीट की थी। इस मामले में कोतवाली थाना की पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था। पहले भी इसके उपर भड़काउ पोस्ट के आरोप लगे हैं। फिलहाल गिरफ्तारी के डर से मनीष कश्यप फरार चल रहा है।
42 यूजर्स को भेजी गई नोटिस
ADG ने बताया कि तमिलनाडु मामले की जांच के लिए 10 सदस्यों की एक टीम लगी हुई है। इस टीम ने अब तक भ्रामक और समाज में उन्माद फैलाने वाले 30 वीडियो और पोस्ट की पहचान की है। सोशल मीडिया पर ट्विटर और फेसबुक के 26 अकाउंट की पहचान की गई है। जिसके बारे में जांच चल रही है। नियमों के तहत 42 अकाउंट्स यूजर्स को पोस्ट किए गए वीडियो के प्रिजर्वेशन के लिए नोटिस दिया गया है। ताकि जांच के दौरान सबूत उपलब्ध रहे। इसके अलावा तमिलनाडु की पुलिस ने इस प्रकरण में कुल 13 FIR दर्ज किया है। वहां की पुलिस टीम ने भी अपनी पड़ताल शुरू कर दी है।
बिहार में है तमिलनाडु पुलिस की टीम
तमिलनाडु पुलिस की एक टीम बिहार आई हुई है। साथ ही उनकी अलग-अलग टीमें उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और दिल्ली में भी जांच करने के लिए गई हुई हैं। वहीं, मधुबनी के युवक की तमिलनाडु में हत्या की खबर जो एक अखबार में छपी थी, तिरुपुर के एसपी ने इसकी जांच की। पारिवारिक कलह के कारण शंभू मुखिया ने अपने कलाई के नस को काट लिया था। मंगलम थाना में सुसाइड का मामला पत्नी के बयान पर पहले ही दर्ज हो चुका है। बहन की शादी रूक जाने के कारण उसने ऐसा किया था।
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