गया के तत्कालीन SSP और गिरफ्तारी के डर से फरार चल रहे IPS आदित्य कुमार पिछले एक महीने से ट्रेसलेस हैं। इनका मोबाइल नंबर स्विच ऑफ है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) इनकी तलाश में अब तक कई जगहों पर छापेमारी कर चुकी है। लेकिन, आदित्य कुमार का कुछ पता नहीं चला। आपको जानकार हैरानी होगी कि गिरफ्तारी के डर से जो शख्स फरार चल रहा है, उसका रसूख ऐसा है कि उसके पास ईओयू की इंटरनल जांच रिपोर्ट है। दरअसल, आदित्य कुमार ने अपने वकील के माध्यम से एंटी सिपेट्री बेल के लिए पटना के डिस्ट्रिक्ट जज की कोर्ट में 7 नवंबर को पिटीशन फाइल किया था।
116 पेज के इस पिटीशन में EOU की एक इंटरनल जांच रिपोर्ट भी है। यह रिपोर्ट गया के ही तत्कालीन IG व सीनियर IPS अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ की गई जांच की है। अब सवाल उठता है कि जब आदित्य कुमार फरार हैं तो इनके पास ये इंटरनल जांच रिपोर्ट आई कहां से? सूत्र बताते हैं कि जांच के बाद इंटरनल रिपोर्ट को EOU ने सीधे DGP को भेजा था।
18 जुलाई को भेजी गई थी रिपोर्ट
बता दें IPS अमित लोढ़ा की लिखी किताब 'बिहार डायरी' पर आधारित एक वेब सीरिज बन रही है। जो OTT पर रिलीज होने वाली है। इसे लेकर अमित लोढ़ा के ऊपर रुपए जुटाने का आरोप लगा था। बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से इसी साल 27 मई को इनके खिलाफ इंटरनल जांच करने के लिए एक आदेश बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से दिया गया था।
इसके आधार पर EOU ने एक स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम बनाई। फिर उस टीम ने अपनी जांच की। इंटरनल रिपोर्ट तैयार कर EOU की तरफ से 18 जुलाई को सीधे DGP संजीव कुमार सिंघल को भेजा गया था। इसी 10 पन्ने की इस इंटरनल रिपोर्ट को आदित्य कुमार ने अपने एंटी सिपेट्री बेल पिटीशन में अटैच किया है।
क्यों हुआ ऐसा?
जिस वक्त अमित लोढ़ा मगध रेंज के IG थे, उसी पीरियड में आदित्य कुमार गया के SSP थे। काम के दौरान ही इन दोनों अधिकारियों के बीच विवाद हुआ। जो बाद के दिनों में भी बढ़ता चला गया। अपने एंटी सिपेट्री बेल पिटीशन में भी आदित्य कुमार ने आरोप लगाया है कि अमित लोढ़ा के वजह से ही उनके ऊपर FIR दर्ज हुई है। जबकि, असलियत ये है कि FIR को EOU ने दर्ज किया था।
वो भी एक साजिश के तहत DGP को चीफ जस्टिस के नाम पर कॉल कर गया के फतेहपुर थाना में दर्ज शराब कांड को खत्म कराने के लिए। इस केस में आदित्य कुमार के दोस्त अभिषेक अग्रवाल समेत 4 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भी भेजा। इस मामले में सिर्फ आदित्य कुमार ही फरार चल रहे हैं। अब खुद को गिरफ्तारी से बचाने के लिए फरार IPS ने EOU की इंटरनल जांच रिपोर्ट को अपनी ढाल बनाने के लिए इस्तेमाल कर लिया है।
IPS अमित लोढ़ा को गिरफ्तार कराने की थी तैयारी:अभिषेक अग्रवाल के जरिए फरार IPS आदित्य कुमार ने DGP पर बनाया था दबाव
गया के तत्कालीन IG और सीनियर IPS अधिकारी अमित लोढ़ा के खिलाफ फरार चल रहे IPS और गया के ही तत्कालीन SSP आदित्य कुमार ने बड़ी साजिश रची थी। उन्हें गिरफ्तार कराने की पूरी प्लानिंग रच डाली थी। इसके लिए आर्थिक अपराध इकाई (EOU) की गिरफ्त में आया अभिषेक अग्रवाल उर्फ अभिषेक भोपालिका आदित्य कुमार का पूरा साथ दे रहा था। जैसा-जैसा आदित्य कुमार उन्हें बताते गए उनका साथी अभिषेक वैसा-वैसा करता गया। शातिर अभिषेक ने इसके लिए DGP संजीव कुमार सिंघल के ऊपर कई बार दबाव बनाया। सूत्रों की माने तो उसने इसके लिए DGP को कॉल पर तो कहा ही था, इसके अलावा मोबाइल पर ऑनलाइन हुए चैट से भी इसकी पुष्टि हुई है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
48 घंटे में भ्रष्ट IPS को दी गई थी क्लीनचिट:DGP ने IO को छुट्टी में फ्लाइट से बुलाया; कार्रवाई की मांग
DGP के साइबर क्रिमिनल के झांसे में आकर भ्रष्ट IPS को क्लीनचिट देने के मामले में एक और खुलासा हुआ है। चीफ जस्टिस के नाम से फोन करने वाले साइबर अपराधी का इतना खौफ था कि DGP ने इंवेस्टिगेशन ऑफिसर (IO) को छुट्टी में चेन्नई से फ्लाइट से पटना बुला लिया था। भ्रष्ट IPS को क्लीनचिट देने की इतनी जल्दी थी कि महज 48 घंटे में मामला रफा-दफा कर दिया गया। यह खुलासा भास्कर की पड़ताल में यह हुआ है। बिहार पुलिस से जुड़े सूत्रों की माने तो IPS आदित्य कुमार को शराब कांड में क्लीनचिट देने वाला अफसर भी जांच टीम के रडार पर है। पटना पुलिस में एसोसिएशन ने डीजीपी को बर्खास्त करने की कार्रवाई की मांग की है। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
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