JDU ने विधानसभा कोटे से विधान परिषद के लिए दो उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। अपने पुराने कार्यकर्ताओं को तरजीह देते हुए रविंद्र प्रसाद सिंह और आफाक अहमद खान को विधानपरिषद के लिए उम्मीदवार बनाया गया है। दोनों नेता पिछले 35-36 सालों से पार्टी से जुड़े रहे हैं। JDU ने उन्हें ईमानदारी से पार्टी की सेवा करने का इनाम दिया है। रविंद्र सिंह का पिछले कई सालों से विधान परिषद के लिए नाम चल रहा था, लेकिन किसी ना किसी वजह से वो विधान परिषद नहीं जा पाए थे। वहीं, मणिपुर में सही नॉर्थ ईस्ट में JDU को कामयाब करने में आफाक अहमद का काफी योगदान है, तो उन्हें इसका ईनाम दिया गया है।
नीतीश कुमार ने अपने पुराने साथी को MLC बनाया
रविंद्र प्रसाद सिंह जनता दल से जुड़े हुए थे। 1984 से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़े रहे। बाद के दिनों में जनता दल यूथ विंग के पटना जिला के महासचिव रहे। फिर जनता दल के पटना जिला के उपाध्यक्ष बने। जब समता पार्टी का गठन हुआ तो यूथ विंग के प्रदेश महासचिव बने। जब जनता दल यूनाइटेड का गठन हुआ ललन सिंह प्रदेश अध्यक्ष बने तो रविंद्र सिंह को प्रदेश महासचिव बनाया गया। साथ में इनके पास मुख्यालय का भी प्रभार था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे तो रविंद्र सिंह राष्ट्रीय सचिव बनाए गए। जो अब तक राष्ट्रीय सचिव के पद पर कायम हैं। लगभग 35 सालों से जनता दल, समता पार्टी और जेडीयू से लगातार जुड़े रहे हैं। 61 साल के रविंद्र सिंह पटना के पुनपुन के रहने वाले हैं।
नॉर्थ ईस्ट में JDU को कामयाबी दिलाने का इनाम मिला
आफाक अहमद 1985 से युवा लोक दल से जुड़े हुए हैं। लगातार युवा नेता रहे हैं। उसके बाद जनता दल और समता पार्टी से जुड़े रहें। जदयू युवा में सचिव बने फिर महासचिव। JDU अल्पसंख्यक मोर्चा के राष्ट्रीय महासचिव रहे। फिर मेन पार्टी में राष्ट्रीय सचिव और फिर महासचिव बने। कभी भी इन्होंने नीतीश कुमार का साथ नहीं छोड़ा है। इन दिनों राष्ट्रीय महामंत्री हैं। इनके पास राष्ट्रीय कार्यालय दिल्ली का प्रभार है। गया शहर के रहने वाले आफाक अहमद 56 साल के हैं। इन्होंने नार्थ ईस्ट में पार्टी को कामयाबी दिलाने में अहम भूमिका निभाया, जिसका इनाम मिला है।
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