बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन एक बार फिर 15 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर आए हैं। उन्हें अभी भी परिहार नहीं मिला है। इस बार मौका उनकी बेटी सुरभि आनंद की शादी का है। सुरभि आनंद की शादी 15 फरवरी को है।
आनंद मोहन के पुत्र व शिवहर से राजद विधायक चेतन आनंद ने कहा है कि 15 दिनों का पैरोल मिला है। आनंद मोहन जेल से बाहर आ गए हैं। 15 को बहन सुरभि आनंद की शादी है। इसके लिए पैरोल का अप्लाई पहले ही कर दिया गया था।
आनंद मोहन आज सहरसा जेल से बाहर आए हैं। जेल से निकलने के बाद उनके समर्थकों में खुशी की लहर है। डीएम जी कृष्णैया हत्याकांड मामले में उम्रकैद की उनकी सजा पिछले साल के 17 मई को समाप्त हो गई थी। लेकिन, बिहार सरकार ने उन्हें रिहा नहीं किया।
नवंबर में बेटी की सगाई के लिए मिली थी पैरोल
उम्र कैद की सजा काट चुके आनंद मोहन पिछले साल 15 दिनों के पैरोल जेल से बाहर आए थे। इस दौरान वे अपनी बेटी सुरभि आनंद की सगाई में शामिल हुए। इसके साथ ही उन्होंने अपने बेटे और अपनी पत्नी का जन्मदिन भी मनाया। सगाई कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव समेत बिहार के सभी बड़े नेता शामिल हुए थे। इसके बाद से कयास लगाया जाने लगा था कि आनंद मोहन जल्द ही जेल से बाहर निकलेंगे।
उम्मीद थी कि 26 जनवरी को उनको परिहार मिल जाएगा लेकिन, ऐसा कुछ नहीं हुआ। चेतन आनंद ने बताया कि उम्मीद थी कि सरकार परिहार देगी, लेकिन, ऐसा नहीं हुआ तो सेफ साइड लेते हुए हम लोगों ने पैरोल अप्लाई किया था।
CM नीतीश ने भी दिए थे रिहाई के संकेत
आनंद मोहन की रिहाई को लेकर कई बार सीएम नीतीश कुमार के सामने बात रखी जा चुकी है। हाल में पटना के मिलर हाई स्कूल में 23 जनवरी को महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि समारोह का आयोजन हुआ था। इसमें आनंद मोहन समर्थकों की तरफ से उन्हें रिहा करने की मांग हुई। तब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस संबंध में इशारा किया था। उन्होंने मंच से ही इस बात की घोषणा की कि वह आनंद मोहन की रिहाई के बारे में सोच रहे हैं। काम किया जा रहा है।
उन्होंने कहा था कि आनंद मोहन हमारे मित्र रहे हैं। जब वह जेल गए थे तो उनसे मिलने हम लोग गए थे। इससे पहले 2020 में महाराणा प्रताप की पुण्यतिथि पर जब मुख्यमंत्री पहुंचे थे तो वहां क्षत्रिय समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री से आनंद मोहन की रिहाई को लेकर मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि जितनी चिंता आप लोगों को है, उतनी चिंता मुझे भी है। मेरे हाथ से जो संभव है, वह मैं करूंगा। इस मामले पर बात आगे जा चुकी है। हम लोग प्रयास कर रहे हैं। हम लोगों ने कितना प्रयास किया है उनकी पत्नी से जाकर पूछिए।
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इसलिए जेल से बाहर नहीं आ पा रहे आनंद मोहन:मुख्यमंत्री के इशारे के बाद 26 जनवरी को निकलना तय था; एक बार फिर टला
पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन 26 जनवरी को भी जेल बाहर नहीं निकले। 23 जनवरी को सीएम नीतीश कुमार के इशारे के बाद ऐसा माना जा रहा था कि 26 जनवरी को वे परिहार पर जेल से बाहर आ जाएंगे। परिवार के साथ उनके समर्थक पूरे दिन इंतजार करते रहे, लेकिन कागजी प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण एक बार फिर से उनका निकलना लटक गया।
14 साल से ज्यादा की सजा पूरी कर लेने के बाद भी आखिर आनंद मोहन के जेल से बाहर निकलने का मामला कहां अटक रहा है? इसे समझने के लिए भास्कर ने पटना हाईकोर्ट में परिहार पर काम करने वाले वकील विजय सिंह से बात की। उनसे समझना चाहा कि आखिर आनंद मोहन का मामला कहां अटक रहा होगा? पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
बेटी की सगाई में CM नीतीश के दिखे नजदीक; अगले दो महीने में रिहाई संभव
पूर्व सांसद और बाहुबली नेता आनंद मोहन की बेटी की सगाई उनके लिए शुभ हो सकती है। जिस इंतजार में आनंद मोहन और उनका पूरा परिवार है, वह खत्म हो सकता है। आनंद मोहन का पूरा परिवार बेसब्री से उनकी रिहाई का इंतजार कर रहा है, तो यह बेटी सुरभि की सगाई के बाद यह संभव दिख रहा है। दरअसल, यह संभव यूं ही नहीं हो सकता।
इसके पीछे की वजह यह है कि आनंद मोहन की बेटी की सगाई में पूरा बिहार सरकार का कुनबा पहुंचा था और महज बिहार सरकार के एक आदेश के बाद आनंद मोहन रिहा हो सकते हैं। ऐसे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सगाई में बतौर अतिथि शामिल हुए थे। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए..
सरकार बदलते ही पावर में बाहुबली आनंद मोहन:कोर्ट में पेशी के बाद परिवार से मिले, समर्थकों संग बैठक की; 6 पुलिस वाले सस्पेंड
बिहार में सरकार बदलते ही बाहुबली आनंद मोहन पावर में दिख रहे हैं। सहरसा से वे पुलिस के पहरे में पटना कोर्ट में पेशी के लिए आए थे, लेकिन पेशी के बाद वापस सहरसा जेल जाने से पहले वो अपने पाटलिपुत्रा वाले घर पहुंच गए। यहां वो अपने परिवार से मिले और समर्थकों के साथ बैठक भी की। जाने के दौरान वे खगड़िया के सर्किट हाउस रुक गए। जहां राजद के नेताओं से लंबी बातचीत की और रात में ठहरे भी थे। साथ ही उन्होंने नेताओं के साथ सेल्फी भी ली। इसकी तस्वीरें भी वायरल हुईं हैं। इसके बाद बवाल मच गया। पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें।
कहानी बिहार के उस बाहुबली और उसकी पत्नी की, जो जेल में रहते हुए भी चुनाव जीता; पहला नेता, जिसे मौत की सजा मिली थी
बिहार के सहरसा जिले में एक गांव पड़ता है। नाम है पनगछिया। इस गांव में 26 जनवरी 1956 को एक लड़के का जन्म होता है। उसके दादा राम बहादुर सिंह स्वतंत्रता सेनानी थे। ये लड़का जब 17 साल का था, तब बिहार में जेपी आंदोलन शुरू होता है और यहीं से उसके राजनीतिक करियर की शुरुआत भी। कहते हैं कि बिहार की राजनीति दो चीजों पर चलती है। पहली है जाति और दूसरी है दबंगई। इस लड़के ने इन दोनों का ही सहारा लेकर राजनीति में कदम रखा। इस लड़के की इतनी बात हो चुकी है, तो अब नाम भी जान ही लीजिए। उसका नाम है आनंद मोहन सिंह। पूरी रिपोर्ट पढ़ने के लिए यहां क्लिक करिए
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