'फ्री फायर' ये एक ऑनलाइन गेम है। जिसे कई लोग मिलकर एक साथ खेलते हैं। एक नाबालिग लड़की इस ऑनलाइन गेम को करीब 3 महीने से खेल रही थी। खेलते-खेलते एक अनजान युवक से दोस्ती कर बैठी।
फिर इंस्टाग्राम के जरिए दोनों के बीच चैटिंग होने लगी। इसके बाद दोनों ने एक-दूसरे से अपना मोबाइल नंबर शेयर किया। दोनों के बीच अक्सर बातें होने लगी। फिर जो हुआ, उसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते।
नाबालिग लड़की पटना से गोपालगंज जाने के लिए निकली। वो भी 13 जनवरी को। पर आज 13 दिन हो गए। लेकिन, अब तक वो अपने घर नहीं पहुंची। इतने दिनों में अपनी लाडली को खोज-खोज कर पूरा परिवार हलकान और परेशान है। उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि उनकी बेटी कहां है? किस हाल में है? कहीं वो मानव तस्करी की शिकार तो नहीं हो गई? आशंकाओं के बीच तरह-तरह के सवाल परिवार वालों के मन में उठ रहे हैं।
चंदन नाम के युवक पर है शक
ऑनलाइन गेम के जरिए नाबलिग लड़की जिस अनजान युवक के कॉन्टैक्ट में आई, उसका नाम चंदन कुमार पांडेय है। इसके बारे में परिवार को लापता लड़की के एक दोस्त से पता चला। इसका मोबाइल नंबर भी परिवार के हाथ लगा, जिसे पुलिस को दिया गया है। चंदन ने लड़की को अपने बारे में बता रखा है कि वो हैदराबाद में रहता है। अक्सर वो कॉल कर बात करता था।
परिवार को शक है कि इसी लड़के ने उनकी लाडली को गायब किया है। लेकिन, आरोप है कि पुलिस इस लड़के के बारे में छानबीन नहीं कर रही है। चंदन कौन है? क्या करता है? वाकई में वो हैदराबाद का रहने वाला है या कहीं और का? इस बारे में किसी के पास ठोस जानकारी नहीं है।
लास्ट बड़ी बहन से हुई बात
रहस्यमय तरीके से लापता नाबालिग की उम्र 15 साल है। परिवार गोपालगंज जिले का रहने वाला है। पिता बेंगलुरु में रहकर काम करते हैं। पिछले साल अप्रैल महीने में उसकी बड़ी बहन पढ़ाई करने के लिए पटना आई थी। रहने के लिए बहादुरपुर में किराए का घर लिया।
इसके बाद करीब एक महीने पहले वो नाबालिग लड़की भी अपने बहन के पास रहकर पढ़ाई करने के लिए पटना आई थी। बड़ी बहन के अनुसार उसकी छोटी बहन क्लास 9 की स्टूडेंट है। सब कुछ ठीक चल रहा था। 13 जनवरी को हम दोनों बहन के बीच एक बात पर बहस हुई।
इसके बाद उस दिन सुबह 8 बजे के करीब गोपालगंज जाने के लिए कपड़े लेकर निकली। उसने मांग कर 30 रुपए लिए भी। ट्रेन पकड़ने के लिए वो पटना जंक्शन गई। वहां से उसने कॉल भी किया। बात कर बताया था कि वो प्लेटफार्म नंबर 9 पर है। इसके बाद उससे बात नहीं हुई। उसका फोन बन्द हो गया।
विधायक की पैरवी पर पुलिस ने दर्ज की FIR
13 जनवरी को जब नाबालिग लड़की अपने घर नहीं पहुंची तो परिवार के बीच हडकंप मच गया। जब उसका मोबाइल नंबर ट्राय किया तो वो बन्द बताने लगा। तब पटना में मौजूद बड़ी बहन बहादुपुर थाना गई। लेकिन, पुलिस ने तब सिंपल अफेयर का मामला समझ यह कहकर वापस भेज दिया कि 24 घंटे का इंतजार करो। इसके बाद नहीं आई तो FIR करेंगे।
यह बात जान गोपालगंज से लड़की की मां पटना आ गई। पुलिस के पास फिर मदद मांगने गई। लेकिन, पुलिस इस केस को हल्के में ली। तरह-तरह की बातें बनाई। मगर केस दर्ज नहीं हुआ। तब लड़की की मां ने अपने एक रिश्तेदार से बात की।
फिर कुम्हरार से भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा से बात की गई। उन्हें पूरा मामला बताया गया। विधायक की पैरवी पर तीसरे दिन 16 जनवरी को इस मामले में पुलिस ने IPC की धारा 363 और 366A के तहत FIR नंबर 16/2023 दर्ज किया।
जिसे मिला जांच का जिम्मा वो है छुट्टी पर
बहादुरपुर थाना की पुलिस ने केस दर्ज तो कर लिया। मगर, उनकी जांच कछुआ की चाल से हो रही है। केस की जांच का जिम्मा महिला सब इंस्पेक्टर मुन्नी कुमारी को दिया गया। लेकिन, परिवार का आरोप है कि इन्होंने अब तक ठोस जांच नहीं की। जिस लड़के पर शक है, उसका कोई डिटेल पता नहीं किया। यहां तक कि नाबालिग लड़की के मोबाइल नंबर का कॉल डिटेल भी नहीं खंगाला। इस मामले को लेकर भास्कर टीम ने सब इंस्पेक्टर मुन्नी कुमारी से फोन पर बात की।
तब पता चला कि वो छुट्टी पर हैं। अब वो 1 फरवरी को ड्यूटी पर वापस आएंगी। तब इस केस की जांच करेंगी। इस बात से आप समझ सकते हैं कि इस केस को लेकर पटना पुलिस कितनी गंभीर है। उसके अफसर किसी केस पर कितनी गंभीरता से काम करते हैं। उसका बड़ा उदाहरण अब सबके सामने है।
केस को लेकर गंभीर नहीं है पुलिस
इस मामले में परिवार ने विधायक के बाद पटना हाईकोर्ट की महिला वकील मीनू कुमारी से मदद मांगी। जिसके बाद वो खुद बहादुरपुर थाना गई थीं। बुधवार को केस की IO से मिली भी थीं। लेकिन, उनकी बातों को IO ने गंभीरता से लिया ही नहीं। जबकि, महिला वकील ने साफ तौर पर कहा कि मामला ऑनलाइन गेम से जुड़ा है।
इस कारण पुलिस को तेजी से कार्रवाई करते हुए साइबर एक्सपर्ट के टीम की मदद लेनी चाहिए थी। पर पुलिस सिंपल अफेयर में लड़की के प्रेमी के साथ भागने वाले अन्य मामलों की तरह ही इस मामले को भी देख रही है। जांच के नाम पर खानापूर्ति की गई है। जबकि, 13 दिन से परिवार अपनी बेटी को खोजने में जुटा है।
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