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पटना हाईकोर्ट की तीखी टिप्पणी:नीतीश सरकार से पूछा- सरकारी स्कूलों में कितने अफसरों के बच्चे पढ़ते हैं? डीएम के माध्यम से आंकड़ा इकट्ठा कर बताएं

पटना2 वर्ष पहलेलेखक: अरविंद उज्ज्वल
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चीफ सेक्रेटरी से कहा गया है कि वे सभी डीएम के माध्यम से आंकड़ा इकट्ठा कर हलफनामा दायर करें। - Dainik Bhaskar
चीफ सेक्रेटरी से कहा गया है कि वे सभी डीएम के माध्यम से आंकड़ा इकट्ठा कर हलफनामा दायर करें।

राज्य में शिक्षा व्यवस्था और सरकारी स्कूलों की दयनीय हालत को देखते हुए पटना हाईकोर्ट ने एक बार फिर तीखी टिप्पणी की है। मंगलवार को जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय की एकल पीठ ने मुख्य सचिव को हलफनामा दायर कर बताने को कहा है कि ऐसे कितने आईएएस, आईपीएस और अन्य अफसर हैं जिनके बच्चे सरकारी स्कूलों में जाते हैं। चीफ सेक्रेटरी से कहा गया है कि वे सभी डीएम के माध्यम से आंकड़ा इकट्ठा कर हलफनामा दायर करें।

पहले कहा था- राज्य में कानून का राज नारा बनकर रह गया
17 फरवरी 2020 को जस्टिस उपाध्याय ने शाही की दलील सुनने के बाद अतिथि शिक्षकों के हटाने संबंधी आदेश पर रोक लगा दी थी। इसी आदेश में जस्टिस उपाध्याय ने कहा था कि जिस तरीके से इन अतिथि शिक्षकों को हटाया गया है उससे ऐसा लगता है कि राज्य में कानून का राज केवल एक नारा बनकर रह गया है। नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत का भी पालन नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा- यहां की शिक्षा व्यवस्था में सुधार तभी नजर आएगा यदि अफसरों को बाध्य किया जाए कि वे अपने बच्चों को पढ़ने के लिए केवल सरकारी स्कूलों में ही भेजें।

हद है! शिक्षक भर्ती में फिर घपला 400 इकाइयों की पूरी प्रक्रिया रद्द
राज्य में चल रही शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के तहत विभिन्न जिलों की 400 नियोजन इकाइयों में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रद्द कर दी गई है। इन नियोजन इकाइयों में गड़बड़ी के मामले प्रकाश में आए हैं। इसमें अधिकांश नियोजन इकाइयां ग्राम पंचायत स्तर की है। शिक्षा विभाग की समीक्षा के बाद शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने पूरे मामले की जांच करने और दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है। अब इन इकाइयों में नये सिरे से नियुक्ति की प्रक्रिया चलेगी।

शिक्षा मंत्री का निर्देश- दोषियों पर प्राथमिकी दर्ज करें
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि गड़बड़ी करने वाले कोई भी हो पंचायत प्रतिनिधि हों,पदाधिकारी हों या खुद अभ्यर्थी किसी को भी छोड़ा नहीं जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य में कुल 4800 नियोजन इकाइयों में शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया चली, जिनमें 4400 में कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है।उल्लेखनीय है कि मंगलवार को ही कई पंचायत नियोजन इकाइयों की काउंसिलिंग में शिक्षा विभाग को गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। इस मामले में प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने सभी डीईओ और डीपीओ (स्थापना) को पत्र भेजकर तीन दिनों में जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था।

काउंसिलिंग की प्रक्रिया की मॉनिटरिंग जिला के साथ-साथ राज्य स्तर पर हो रही
काउंसिलिंग की कार्रवाई की मॉनिटरिंग जिला और राज्य स्तर की जा रही है।मॉनिटरिंग के दौरान अभ्यर्थियों से कुछ शिकायत मिली कि कुछ नियोजन इकाइयों द्वारा काउंसिलिंग की प्रक्रिया के लिए विभागीय निर्देशों की अवहेलना की जा रही है। इसमें काउंसिलिंग के लिए रजिस्टर में छेड़छाड़ करना और रोस्टर के बिंदुओं का उल्लंघन समेत कई और मामलें शामिल है।

वीडियोग्राफी की व्यवस्था: शिक्षक नियोजन में काउंसिलिंग की विडियोग्राफी की व्यवस्था की गई है। इसकी सहायता से इन बिंदुओं की जांच करने का निर्देश दिया गया है।

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