पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बड़ा सपना देख रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी उनके सपनों में अपने दावों से पंख लगाने का काम कर रहे हैं, लेकिन हकीकत क्या है यह आप देख लीजिए। राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में भी मरीजों के लिए लिफ्ट की व्यवस्था तक नहीं हो पा रही है। दिव्यांग मरीजों के व्हील चेयर भी सीढ़ियों के सहारे 5वीं मंजिल पहुंच रहे हैं। इस तरह के इलाज में व्हील चेयर के सीढ़ी से स्लिप करते ही दिव्यांग मरीज की जान बचा पाना मुश्किल होगा।
5वीं मंजिल तक सीढ़ी पर व्हील चेयर से जाना खतरनाक
पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में स्त्री एवं प्रसूति विभाग के भवन के पांचवी मंजिल पर थैलेसीमिया का डे केयर सेंटर है। इस सेंटर में हर दिन मरीजों का अधिक संख्या में आना जाना होता है।इस सेंटर में आने वाले मरीजों में बच्चे ही होते हैं और खून की समस्या के कारण वह काफी कमजोर होते हैं। ऐसे मरीजों के लिए 5वीं मंजिल पर सीढ़ी से चढ़ना मुश्किल हो जात है। इस भवन में भी लिफ्ट लगी है लेकिन यह या तो बंद कर दी जाती है या फिर खराब हो जाती है। ऐसे में मरीजों को सीढ़ी से आने-जाने में काफी समस्या हो जाती है।
तस्वीर में देख सकते हैं खतरा
PMCH की इस तस्वीर में आप देख सकते हैं कि किस तरह से सीढ़ी पर दिव्यांग मरीजों को व्हील चेयर से लेकर जाया जाता है। 5वीं मंजिल पर मरीजों को सीढ़ी से किस तरह से ले जाया जाता है और वह कितने खतरे से जान जोखिम में डालकर आते जाते हैं। यह आप भी देख सकते हैं। सीढ़ियों से दिव्यांग बच्चों को ले जाना और फिर सीढ़ी से वापस लाना काफी मुश्किल काम है। जब विरोध होता है और शिकायत अफसरों तक पहुंचती है तो लिफ्ट चला दी जाती है नहीं तो इसे बंद करके ही रखा जाता है। इस पर जिम्मेदार अधिकारी खराब होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्ति पा लेते हैं, लेकिन यह कितना खतरनाक व जानलेवा है या वीडियो में साफ देखा जा सकता है।
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